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मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020

1920... आज की रचनाएँ चर्चाकारों के ही ब्लाग से

सादर वन्दे
आज हम आपको नई-जूनी रचना पढ़वाते हैं
जो हम चर्चाकारों के ही ब्लाग से लिए है..
पसंद आएगी आपको..शर्तिया


जो साथ उनके  सदा रहती,
ये उनका स्वाभिमान है..,
ये केवल  सफेद छड़ी नहीं,
दृष्टिहीनों की पहचान है....
पथ में क्या है,, उन्हे बताती,
आत्म निरभरता का मंत्र सिखाती,
चलते हुए उन्हें  सुरक्षा देती,
ये दृष्टिहीन है, चलने वालों को बताती।


चुपचाप रहकर
अपने मंतव्यों के पतंग
कल्पनाओं के आसमान में ही
उड़ाना सुरक्षित है,
मनोनुकूल परिस्थितियाँ
बताने वाली
समयानुकूल घड़ियाँ
प्रचलन में हैं आजकल






ये नहीं फरेब मेरा..
लकीरें पीटना ही
सबब बना ..
क्या देश का मेरा?
घोटाले, घटनाएं तो हर बार
फिर ये कैसी चीख पुकार..
तलाश रहे..
अब भ्रष्टाचार में शिष्टाचार,
न कर प्रश्न जम्हूरियत पर 



"दो ही रंग सत्य है बेगम! 
'स्याह और सफेद'..। 
और वो भी ख़ुदा तय करने वाला होता है 
किस वक्त कौन से रंग से वास्ता रखना पड़ेगा।" 
हनीफ़ ने अपनी पत्नी को कहा।



मौत को
तय करने दीजिए
फ़ासला
ज़िंदगी
जीने वालों के
नज़रिए से
पूरी या अधूरी है।



सोती नदी में 
एक लहर उठी 
किनारे पर आकर 
रेत पर एक नाम लिखकर थम गई 
दूसरी लहर 
किनारे से मिलने चली 
रेत पर लिखा नाम 
न कर सका और विश्राम



तुम्हारे बाद
इन्द्रधनुष के 
और...रंग खो गए
बस, दूनी है... 
बैंजनी विषाद की 
छाया....
मेरी ज़िन्दगी
सूनी है...
बिन तेरे.
...
अब अंत में बड़े बहनोई सा से
अजीब सा नाम रखा है ब्लॉग का
किसी के इतने पास न जा
पर गए बगैर बात भी नहीं न बनती
वे स्टोरी टेलर हैं..बच्चों को बहलाते हैं


आज पूनम लव मैरिज कर अपने पापा के पास आयी, और अपने 
पापा से कहने लगी "पापा मैंने अपनी पसंद के लड़के से शादी कर ली"  
उसके पापा बहुत गुस्सें में थे, पर वो बहुत सुलझें शख्स थे,
उन्होंनें बस अपनी बेटी से इतना कहा " मेरे घर से निकल जाओ " 
बेटी ने कहा -"अभी इनके पास कोई काम नही हैं, हमें रहने दीजिए 
हम बाद में चलें जायेंगे  "
....
कैसी लगी बताइएगा
सादर



7 टिप्‍पणियां:

  1. एक ही झटके में
    सबको लपेट दिया..
    आभार..
    मस्त रहिए..

    जवाब देंहटाएं
  2. कैसी लगी बताइएगा

    घर के अंदर दीया जले तो केवल एक आँगन में रौशनी होती..

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत आभारी हूँ प्रिय दिबू।
    सस्नेह शुक्रिया।

    जवाब देंहटाएं
  4. अच्छा लगा सबकी रचनाओं को पढ़ना।
    धन्यवाद.. दिव्या जी💐💐

    जवाब देंहटाएं
  5. अच्छा लगा सबकी रचनाओं को पढ़ना।
    धन्यवाद.. दिव्या जी💐💐

    जवाब देंहटाएं

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