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बुधवार, 7 अक्तूबर 2020

1907 ..तेरी साजिश में कुछ कमी है अभी

 ।। भोर वंदन ।।

तेरी साजिश में कुछ कमी है अभी
मेरी बस्ती में रौशनी है अभी
चोट खाकर भी मुस्कुराता हूँ
अपना अंदाज़ तो वही है अभी
-हस्तीमल हस्ती

चलिये इसी अपने अंदाज ज़ज्बे को सलाम करते हुए 
पढ़िये चुनिंदा लिंक...

छठे सातवें फ़रेब में ......

जिंदगी के वस्ल वादों में 
मेरे इतराते इरादों में
कुछ ऐसी ठनी
कि हर बिगड़ी हुई बात 
नाज़ुक सी नाज़ की


मेरी स्याही के रंग ..

 उसने पेपर पर 
और मैंने माँ के हाथ पर
कर दिए दस्तखत 
और हमें मिल गयी
अपने अपने हिस्से की दौलत 
हर दिन डरती थी 
तुम्हे खोने से 
पर अब देखो


मनोज्ञ रश्मियाँ 



समेटने लगीं हैं स्वयं को 
भू पर बिखरे 
अतिशयोक्तिपूर्ण आभामंडल से 
ज़िंदगी की दरारें 
वक़्त बे वक़्त चाहतीं हैं भरना 
जीवन की ऊहापोह से थक 
आज ख़ामोश हैं
संकुचाई-सी मुरझाई  


पेंशन ....


माँ आज सुबह-सुबह तैयार हो गई सत्संग है क्या..? मीना ने पूछा तो सरला बोली; "ना बेटा सत्संग तो नहीं है वो कल रात जब तुम सब सो गये थे न तब मनीष का फोन आया था मेरे मोबाइल पर,बड़ा पछता रहा था बेचारा, माफी भी मांग रहा था अपनी गलती की...

अच्छा ! और तूने माफ कर दिया ..? मेरी भोली माँ !  जरा सोच ना,  पूरे छः महीने बाद याद आई उसे अपनी  गलती....। पता नहीं क्या मतलब होगा उसका..... मतलबी कहीं का..... मीना बोली तो सरला उसे टोकते हुए बोली, "ऐसा नहीं कहते बेटा !  आखिर वो तेरा छोटा भाई है,   चल छोड़ न,....वो कहते हैं न,  'देर आए दुरुस्त



जुर्म किया तो डरना क्या


जुर्म किया तो डरना क्या
जुर्म किया तो वकील भी है
किसी के बाप से डरना क्या
आज करेंगे मन की मर्जी 
जान भी जाए चाहे 


।।इति शम।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह 'तृप्ति' 

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुंदर सराहनीय प्रस्तुति आदरणीय पम्मी दी।मेरी रचना को स्थान देने हेतु दिल से आभार।भूमिका की चार पंक्तियाँ बहुत कुछ कह गई जैसे समाज की आधार शिला यही हो ।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सराहनीय प्रस्तुतीकरण
    भूमिका बेमिसाल

    जवाब देंहटाएं
  3. हलचल के इस अंदाज़ जज्बे को दिल से सलाम । शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुन्दर सराहनीय प्रस्तुति, सभी लिंक बेहद उम्दा एवं उत्कृष्ट।...सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई ए्न शुभकामनाएं।
    मेरी रचना को स्थान देने हेतु तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर संकलन मेरी रचना को स्थान देने पर तहेदिल से शुक्रिया आप का । आदरणीया प्रणाम

    जवाब देंहटाएं

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