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शनिवार, 24 अक्टूबर 2020

1924... नारी/शक्ति

 

सभी को यथायोग्य

प्रणामाशीष

आज मान्या व माया बेहद उत्साहित थीं। उनकी बेटी मेहा के लिए सेना सेवा कोर में स्थायी कमीशन हेतु मंजूरी पत्र उनके हाथों में था और तीनों के नेत्र संगम का दृश्य बनाने में सफल हो रहे थे।

‘ स्त्रीत्व’ सांस्कृतिक निर्मित है, स्त्रीवाद राजनीतिक दृष्टि एवं लक्ष्यों की अभिव्यक्ति तो ‘स्त्री’ लिंगाधारित शारीरिक पहचान का प्रतीक है।
(पृष्ठ 8, स्त्री-साहित्य के इतिहास लेखन की समस्याएं, स्त्रीवादी साहित्य विमर्श, लेखक: जगदीश्वर चतुर्वेदी)


नारी/शक्ति



नारी/शक्ति

नारी/शक्ति

मज़ा आता


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पुनः भेंट होगी...

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4 टिप्‍पणियां:

  1. दुर्गानवमी
    माता रानी की कृपा सब पर बरसे..
    सादर नमन..

    जवाब देंहटाएं
  2. महत्वपूर्ण अंक..
    आभार..
    सादर नमन..

    जवाब देंहटाएं
  3. दुर्गानवमी के अवसर पर बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। हर स्त्री अपने भीतर की दुर्गा को जागृत करे तो नवरात्रि का पर्व मनाना सार्थक होगा।
    सुंदर प्रस्तुति के लिए हृदय से आभार व आप सबों को सादर प्रणाम।

    जवाब देंहटाएं

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