निवेदन।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 18 अक्तूबर 2018

1189..गणित की किताब और रोज रोज का रोज पढ़ा रोज का लिखा हिसाब

सादर अभिवादन। 

आज कन्यापूजन के साथ शारदीय नवरात्र उत्सव सम्पन्न हो रहा है। भारतीय संस्कृति में व्रत-त्यौहारों का समावेश हमें धार्मिकता के 
परिवेश में मानवीय मूल्यों की सार्थकता का दर्शन कराता है। 
सामाजिक सद्भाव का उत्सव माँ शक्ति की आराधना और  
कन्यापूजन के साथ आने वाले मौसम की तैयारी में ख़ुद को सक्षम 
बनाने की सुखद परम्परा है। 

9 नन्हीं बालिकाऐं (माता शक्ति के नौ रूप ) और 2 नन्हे बालक (बजरंगबली और भैरव जी के रूप) कन्यापूजन की शोभा बनते हैं।  मान्यता है 
कि इस दिन माता शक्ति इन नन्हीं बालिकाओं के ज़रिये अपना प्रतिनिधित्व करती हैं।  श्रद्धालु अगाध निष्ठा के साथ कन्यापूजन 
को धार्मिक विधि-विधान से पूर्ण करते हैं और कन्याओं से 
आशीर्वाद लेते हैं।  

आइये अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलते हैं-   

व्यर्थ की बातों में
कुछ हासिल  नहीं होता
बस व्यर्थ  बहस का   मुद्दा 
अशांत मन करता
अकारण बहस का सबब
 प्रदूषण ही बढ़ता


आमावस्या का ना रहा नामोनिशान अब जीवन में
किरणों का वास मुझ गृह में,मैने चाँद थामा दामन में  ।
                  


मैं ही रण हूँ मैं ही शांति
मैं ही संधि की डोर हूँ,
मैं वरदान हूँ मैं ही वरदानी
कोमलांगी मैं ही कठोर हूँ।



मेरे जीवन का श्रृंगार हो तुम,
हर सफर में साथ रहेंगे हम।

मैं वीणा हूँ, संगीत हो तुम,
मैं दिल हूँ , तो धड़कन हो तुम।


My photo

मैं थोड़ा स्त्रैण पुरुष 
और थोड़ी पौरुषेण स्त्री जनना चाहती हूँ,
मैं माँ बनना चाहती हूँ..


Profile photo

जो उम्र भर नापता रहा रास्ते
नयी राहों में भटक गया देखो।


अपने पन का नक़ाब वक़्त रहते बिख़र गया,
वक़्त का आलम रहा, की वक़्त रहते सभँल गये,

हर   बार  की  मिन्नतों  से  भी वो  नहीं लौटे, 
 इंतज़ार में  हम, वो  दिल कहीं ओर  लगा बैठें,

चलते-चलते  ग्राफ़िक पर ध्यान मत लगाइये "उलूक" का गणित बहुत सरल है ज़िन्दगी की पेचीदगियों को हल करने के लिये....समझ आये तो कॉमेंट ( जी हाँ कमेंट नहीं ) भी लिखकर ब्लॉगर साहब का हौसला बढ़ाइये - 

गणित की किताब और रोज रोज का रोज पढ़ा 
रोज का लिखा हिसाब..... डॉ. सुशील कुमार जोशी 



गजब 
गणित है 
जीवन 
का भी 

दोनों  
गणित हैं 
दोनों में 
समीकरण हैं 

फिर भी 
अलग हैं 
दोनों 


हम-क़दम के इकतालीसवें क़दम
का विषय...
यहाँ देखिए.

🎆


आज बस यहीं तक 
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार। 
शुक्रवारीय प्रस्तुति - आदरणीया श्वेता सिन्हा जी। 
रवीन्द्र सिंह यादव 

9 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    बढ़िया प्रस्तुति
    विजया दशमी की शुभकामनाएँ
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात आदरणीय
    बहुत ही सुन्दर हलचल प्रस्तुति,सभी रचनाये बेह्तरीन
    मेरी रचना को स्थान देने हेतु सह्रदय आभार

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर गुरुवारीय हलचल। अभार रवींद्र जी 'उलूक' के गणित को स्थान देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुन्दर संकलन सभी चयनित रचनाकारों को बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका सादर आभार ।सभी गुणीजनों को विजया दशमी की
    हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर प्रस्तुति आपको सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर भुमिका, नवरात्रा का महत्व बतलाती, बदलती ऋतु का सहज स्वागत के साथ सुंदर लिंको का चयन मेरी रचना को सामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया
    सभी रचनाकारों को बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण शानदार लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...