निवेदन।


फ़ॉलोअर

मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018

1194....मिर्च का धुआँ लगा जोर से छींक नाक कान आँख जरूरी है

सादर अभिवादन
हम आज शहर से बाहर हैं
फिर भी कोशिश कर रहे हैं
आपको आज का विषय बता दें...
हम-क़दम का बयालिसवाँ अंक का विषय..
आदरणीय मुनव्वर जी राणा का एक अश़आर
.....
उन घरों में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं
क़द में छोटे हों मगर लोग बड़े रहते हैं 
......
आप सभी को को इस श़ेर को दृष्टिगत रखकर
कविताएँ लिखनी है....
रचना भेजने की अंतिम तिथिः 27 अक्टूबर 2018
प्रकाशन तिथिः 29 अक्टूबर
रचनाएं ब्लॉग सम्पर्क प्रारूप में ही आनी चाहिए
..............
चलिए अब चलते हैं नियमित रचनाओं का आस्वादन करें..

आने के लिए नहीं जाता कोई 
शाम ढलती है 
रात चुपचाप चली जाती है 
सुबह नहीं लौटता वो ही 
जो गुज़र चुका होता है 



उजली हँसी 
खन खन खनकी 
सुन के लगा 
भोर वेला में कहीं 
कलियाँ सी चटकी

मेरी फ़ोटो
अध-लिखे कागज़ किताबों में दबे ही रह गए
कुछ अधूरे ख़त कहानी बोलते ही रह गए

शाम की आगोश से जागा नहीं दिन रात भर
प्लेट में रक्खे परांठे ऊंघते ही रह गए

कोमल की जिंदगी में प्यार करने वाला पति प्यारे प्यारे दो बच्चे भरा पूरा परिवार सब कुछ अच्छा चल रहा था। कोमल अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। अपने नाम के जैसे कोमल स्वभाव के होने के कारण वह सबकी चहेती थी। समय पंख लगा कर उड़ रहा था बच्चे बड़े हो रहे थे।सब अपने में व्यस्त होते जा रहे थे.. 

shimla life
वहाँ कहीं एक सेब के 
बगीचे से घिरा 
एक पुराना घर है 
वहां एक बचपन दफ़्न है

मेरी नानी का 
पहाड़ी गुनगुनाना गुम है 
मेरे नाना की कहानियाँ 
खो गयी हैं

खीज मत 
कुछ खींच 
मुट्ठियाँ भींच 

मूल्य पढ़ा 
मौका पा 
थोड़ा सा 
बेच भी आ 

ना कर 
पाये व्यक्त 
ना दे सके 
अभिव्यक्ति 


आज बस इतना ही
आज्ञा दें
यशोदा





19 टिप्‍पणियां:

  1. सम्वेदनाओं और भावनाओं से भरी हैं, सभी रचनाएँ। आभार आप सभी का।

    जवाब देंहटाएं
  2. तपस्या आवश्यक है...
    शुभ प्रभात...
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात
    कमल की रचनाये हैं सभी को बधाई।

    कुछ अध लिखे कागज़ किताबो में ही दबे रह गए
    बहुत शानदार

    जवाब देंहटाएं
  4. विविधताओं से परिपूर्ण सुन्दर से पुष्पगुच्छ सा अंक । इस संकलन में मेरी रचना को सम्मिलित कर मान देने के लिए सादर आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन रचनाएं सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार यशोदा जी

    जवाब देंहटाएं
  6. मनव्वर जी जे शेर के साथ आज की हलचल दमदार है ...
    सुंदर लिंक्स हैं सभी ... आभार मुझे भी यहाँ जगह देने के लिए आज ...

    जवाब देंहटाएं
  7. शुभ प्रभात आदरणीया यशोदा जी क्षमा चाहूंगी परंतु शायद टंकण की गलती है अंतिम तिथि 22 अक्टूबर की है शीर्षक बहुत ही शानदार है और आज की सभी सम्मिलित रचनाएँ एक से बढ़कर एक... शुभ दिन आप सबको

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी सुप्रिया जी सादर आभार त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने के लिए अब तारीख सही कर ली गयी है।

      हटाएं
    2. आभार...
      सुधार दी गई है
      सादर...

      हटाएं
    3. जी आभार आदरणीया यशोदा जी और स्वेता जी को की इतनी ग्राह्यता से आपने बिना बुरा मने त्रुटि सुधारी मैं थोड़ा डर रही थी कहने में पर हलचल अपना आँगन से लगता है सो कह दिया

      हटाएं
  8. बहुत ही सुन्दर संकलन सभी चयनित रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन रचनाएं सुंदर प्रस्तुति सभी चयनित रचनाकारों को बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुंदर संकलन
    मुनव्वर राना जी से मेरी व्यक्तिगत मुलाकात हुई हैं वो शेर तो अच्छे लिखते ही है साथ ही वो एक ज़िंदादिल इंसान हैं कुछ ही पल साथ रहने पर लगता हैं बरसों की पहचान है

    जवाब देंहटाएं
  11. सुन्दर मंगलवारीय हलचल अंक। आभार यशोदा जी 'उलूक' उसकी मिर्च और धुआँ को जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  12. शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  13. वाह हलचल प्रस्तुति शानदार लिंकों के साथ सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...