निवेदन।


फ़ॉलोअर

सोमवार, 1 अक्टूबर 2018

1172.....हम-क़दम का अड़तीसवां क़दम

रंगों का संसार है मोहक
 रंगरेज बड़ा विचित्र है
कूची लेकर मनमर्जी की
जग के रंगता चित्र है
 -श्वेता 
जीवन में खूबसूरती, रुचि और विविधता से सामंजस्य स्थापित 
करते रंग जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करते हैं।
प्रकृति के विविध रंगों से श्रृंगारित यह संसार 
मानव मन में जीवन के प्रति अनुराग उत्पन्न करते हैं।
शोध से ज्ञात हुआ है कि
रंग व्यक्ति के मन मस्तिष्क पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ते है।
*
इस बार हमक़दम का विषय एक मनमोहक चित्र पर आधारित था 
जिस पर मंत्रमुग्ध करती रचनाएँ लिखकर रचनाकारों ने मोह लिया।
एक चित्र पर ऐसी-ऐसी विचारातीत कल्पनाएँ हमारे प्रतिभाशाली रचनाकारों की लेखनी से ही है।
आप सभी रचनाकारों की रचनात्मकता को सादर प्रणाम और 
बेहद शुक्रिया आप सभी के अनवरत उत्साहवर्धक सहयोग के लिए।

नोटः
रचनाएँ क्रमानुसार नहीं सुविधानुसार लगायी गयी हैंं।

तो आइये आप भी मोहक रचनाओं के संसार में डूब जाइये।
★★★★★
आदरणीय रोहिताश जी

सफेद जिंदगी
एक माँ अनेक रंगों की
एक इंतजार रंगीन हो जाने का
एक उतावलापन रंगों को जनने का.
मिलन हो उनसे तो पनपे
वो रंग जो तितलियाँ
अपने पंखों में सजाये रखती है
★★★★★
आदरणीया मीना शर्मा जी



कूची डुबा - डुबा हर रंग में,
आड़ा,तिरछा,वक्र,करता रेखांकन !

असंतुष्ट - सा, अस्थिर मति,

वह चंचल चित्रकार !!!
★★★★★
आदरणीया कुसुम जी

तप्त से इस जग में हो बस तुम ही अनुधारा
तुम्ही रंगरेज तुम्ही छविकार, मेरे चित्रकारा
रंग सात नही सौ रंगो से रंग दिया तूने मुझको
रंगाई ना दे पाई तेरे पावन चित्रों की तुझको।
★★★★★
आदरणीया साधना जी

लाल रंग से मैं अपना
सौभाग्य लिखूँगी माथे पर
नारंगी से हर्ष और
उल्लास रचूँगी माथे पर !

पीला रंग जीवन में मेरे
ज्ञान बुद्धि भर जायेगा
हरा रंग आध्यात्म और
प्रकृति से मुझे मिलायेगा !
★★★★★

आदरणीय ज़फ़र जी
 लब्जो जुबान में ढला,
साफ सफेद कागज़ पे तुमने ही ये रंग गड़ा 
जिसने जैसा कहा वैसा चढ़ा,
बदल के शख्शियत मेरी अब तुम्हे परहेज़ हैं
मेरे हर रूप का जबके तू ही रंगरेज़ हैं
★★★★★★

आदरणीया अनीता जी 

प्रीत  रंग फैला धरा पर,
मुखरित  प्रीत की  छाँव।

रंग बिरंगी  घटायें  उमङी,
उमङ  रही  गगन की  प्रीत ।

प्रीत  रंग में बरसे बादल,
हरा धरा का आंचल हुआ ।
★★★★★★
आदरणीया आशा जी

सभी रंगों से प्रकृति को
सजाना है मुझे |
तभी यत्न सफल होंगे
जब रंग भरी कूची
लिपटेगी और घूमेंगी
खाली केनवास पर
जो छवि उभर कर आएगी
मन पर छा जाएगी
★★★★★
आदरणीया अनुराधा जी

लाल गुलाबी नीले पीले
गुब्बारे सस्ते हैं लेलो
कहकर वो आवाज लगाती
गोदी में था बाल सलोना
कपड़े में इक बोतल लिपटी
जिससे उसको दूध पिलाती
फिर भी रह रह कर रोता था
इक पल भी नहीं सोता था
गुजरती रही थी पास से उसके
मैं देख ठिठक कर रुक गई
★★★★★
आदरणीया नीतू ठाकुर जी

ये बिखरे रंग जीवन के
समेटे फिर न जायेंगे
तुम्हें बेचैन कर देंगे
कभी जब याद आएंगे 

तेरी रंगीन है दुनिया 
मेरे दिल में वीरानी है 
मेरी बेनूर आँखों में 
तो बस ठहरा सा पानी है
★★★★★★
आदरणीया अभिलाषा जी

इतनी सुंदर रंग बिरंगी
प्रकृति की सुंदरता प्यारी
भांति भांति के पुष्प खिले हैं
महक उठे जीवन की क्यारी
बह उठती जब हवा बासंती
सरसों की फूले फुलवारी
ओढ चुनरिया धानी धरती
★★★★★
अभिलाषा चौहान


हरा रंग बना खुशहाली
लाल बना है मंगलकारी
श्वेत बना शांति का दूत है
काला बना अज्ञान प्रतीक है
इंद्रधनुषी रंगों से ये दुनिया कितनी सुन्दर लगती
नित दिखते नए रंग इसमें कूची कोई न दिखती
★★★★★
आदरणीया अनुराधा जी

यह कैसे रंग भरे
इस सुंदर से संसार में
कहीं भरी है रौनकें
कहीं भरे है दर्द बहुत
भर रहा था रंग जब
ले तूलिका वो हाथ में
काश कुछ फर्क कर देता
इंसान और हैवान में
पहचानना आसान होता
★★★★★★
आदरणीया दीपशिखा जी

★★★★★★
आदरणीय पंकज प्रियम् जी
ख़्वाबों का तुम अब खेल देखो
इन रंगों का तुम अब मेल देखो
कोरा कागज़ जिंदा हो जाएगा

कागज़ पे चलती अब रेल देखो।
★★★★★
आदरणीया रेणु जी

अनंत मधु मिठास रचो तुम
आहत मन की आस रचो तुम
रचो प्रीत उत्सव कान्हा बन -
 जीवन  का मधुमास रचो तुम 
 मनसरोवर बन  खिलो कंवल से 
 सजो  अधर   चिर हास बनकर !!!!!!!!!

★★★★★

आदरणीया शुभा मेहता जी की रचना
छत के कोने में 
बतियाते फूल
सब मिल बगिया को 
महकाते फूल
लाल ,पीले ,नीले 
सफेद फूल 
न गिला ,न शिकवा 
★★★★★★

आदरणीया शकुन्तला राज

जीवन के कैनवास में
ये पीला रंग......
बड़ा ही शुभ माना जाता हैं
हो ईश्वर की आराधना
या कोई अनुष्ठान या त्योहार
घर में लाते हैं
पीला फूल, फल, लड्डू,
हल्दी, अक्षत
ये पीला रंग.......

★★★★★★
आपके द्वारा सृजित यह अंक आपको कैसा लगा कृपया 
अपनी बहूमूल्य प्रतिक्रिया के द्वारा अवगत करवाये
 आपके बहुमूल्य सहयोग से हमक़दम का यह सफ़र जारी है
आप सभी का हार्दिक आभार।


अगला विषय जानने के लिए कल का अंक पढ़ना न भूले।
अगले सोमवार को फिर उपस्थित रहूँगी आपकी रचनाओं के साथ

-श्वेता




28 टिप्‍पणियां:

  1. अनंत मधु मिठास रचो तुम
    आहत मन की आस रचो तुम
    रचो प्रीत उत्सव कान्हा बन -
    जीवन का मधुमास रचो तुम

    श्वेता जी रचनाएं,तो इस अंक में सभी सुंदर है।
    परंतु एक चित्रकार का नाम है नियति, वह इन सभी बंधनों से मुक्त है। मनमर्जी चित्र बनाती बिगाड़ती जो रहती है। बस सुबह सुबह इन खूबसूरत कविताओं को पढ़ यही सोच रहा हूँ।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात,
    आदरणीय स्वेता जी रंगों का ये प्रस्तुति करना बहुत अच्छा लगा।हर रचना में बहुत खूबसुरत रंग पारो दिए हैं रचनाकर ने।पड़कर आनंद आया।
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ प्रभात
    कवि जो है न वो
    सब विषय पर लिख सकता है
    अच्छे रंग उकेरे आप सबने
    साधुवाद....

    जवाब देंहटाएं
  4. रंग विविध हैं इस सृष्टि के
    भावों से संसार सजा
    कितनी सुंदर सब रचनाएं
    पढ़कर उर आनंद जगा

    बहुत ही सुंदर संकलन प्रिय श्वेता ।मेरी रचनाओं को
    स्थान देने के लिए आपका आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  5. आनन्दित,मन बावरा.
    नये रचनाकार एक लेवल हांसिल करने को अग्रसर है. अगर कविता को फलसफ़ा मान कर लिखा जाये तो वो एक मुकाम हासिल करती ही है..आज की हलचल में बहुत सी रचनाएँ ऐसी मिली.
    रणु जी की रचना ने कमाल कर दिया. और पंकज जी की ये पंक्ति कि " कोरा कागज अब जिन्दा हो जायेगा" साथ लिये जा रहा हूँ.


    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय रोहितास जी-- सादर नमन मंच पर मेरा बढाने के लिए |

      हटाएं
  6. शुभ प्रभात आदरणीया

    बहुत ही सुंदर संकलन प्रिय श्वेता जी। मेरी रचनाओं को
    स्थान देने के लिए आपका आभार।

    जवाब देंहटाएं
  7. शुभ प्रभात आदरणीया
    बहुत ही सुंदर संकलन प्रिय श्वेता जी ।मेरी रचना को
    स्थान देने के लिए आपका आभार।

    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  8. अद्भुत संकलन हकचल का आंगन रंगों से भर गया है और रचनाएँ पढ़कर हम सबका मन भी... सभी रचनाकारों को ढेरों शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत उम्दा रचनाएं पढ़ने का मजा ही कुछ और होता है |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  10. खूबसूरत रंगों से भरी सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार श्वेता जी

    जवाब देंहटाएं
  11. इतनी खूबसूरत रचनाओं ने आज अपने अनुपम रंगों से हलचल के कैनवास को अनूठे रंगों से चित्रित कर दिया है ! सारी रचनाये अत्यंत मनमोहक ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार ! सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  12. सतरंगी हलचल..इस शानदार प्रस्तुति के लिए श्वेता जी को धन्यवाद ,सभी रचनाकार बधाई के हकदार है।
    आभार।

    जवाब देंहटाएं
  13. रंगों की छटा बिखेरती आज की रंगभरी हलचल मन को रंगों से सराबोर कर गई
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय धन्यवाद स्वेता जी

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत सुन्दर खूबसूरत रंगबिरंगी हलचल प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  15. लाजवाब प्रस्तुतिकरण...खूबसूरत रंगों से भरा लिंक संकलन....
    सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  16. लाज़वाब प्रस्तुति। आभार मेरी रचना को शमिलकरने हेतु

    जवाब देंहटाएं
  17. लाज़वाब प्रस्तुति। आभार मेरी रचना को शमिलकरने हेतु

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत ही सुंदर इंद्रधनुषी रंगों की रंगोली सजी है जैसे.... अभी कुछ रचनाएँ पढ़ नहीं पाई हूँ। मेरी रचना को शामिल करने हेतु तहेदिल से शुक्रिया।
    बहन श्वेता को सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत ही सुंदर रचनाओं से सजा रंगोत्सव प्रिय श्वेता | सभी में कलमतोड़ लिख डाला | रंग पर अजब दर्शन और मौलिक लेखन मन को छू गया | हर रचना निशब्द कर रही है | सभी पर हो आई हूँ पर लिखना कल परसों ही हो पायेगा क्योकि सभी रचनाएँ सराहना की हकदार हैं | सभी रचनाकार सहयोगियों को सादर, सस्नेह शुभकामनायें | सबकी लेखनी सृजन के रंगों से सराबोर रहे मेरे यही कामना है | कल का विषय क्या होगा उत्सुकता से प्रतीक्षा है | आपको हार्दिक बधाई इस सराहनीय अंक और शानदार लघु निबंधात्मक भूमिका के लिए | सस्नेह --

    जवाब देंहटाएं
  20. वाह!!श्वेता ,इन्द्रधनुषी रंगों से सजा खूबसूरत अंक !!!मेरी रचना को स्थान देने के लिए दिल से धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...