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शनिवार, 6 अक्टूबर 2018

1177... उजाला


सभी को यथायोग्य
प्रणाशीष

Image result for उजाला पर कविता
पितृपक्ष के बाद दशहरा दिवाली छठ
सप्ताह भर के बाद हाजरी देती हूँ
हँसना गाना नाचना नया कुछ तो हो
पी परदेश-
तलाश रही विभा
सप्तर्षि तारे।
नव उदय अश्रु = नवोदयाश्रु
सही या गलत... आकलन कीजिये
तम फैलेगा कि हो जाएगा
उजाला

हमारे दिल को दिलाना चाहतें है हम झुके सिर को उठाना चाहते हैं-
बुरे स्वर हम मिटाना चाहते हैं ताल लय पर गान गाना चाहते हैं-
हम सबको सम बनाना चाहते हैं, अब बराबर बिठाना चाहते है-
हम उन्हें धरती दिलाना चाहते है-

बात-कुबात

 कवि महेंद्र कहते हैं, जैसे सभी नदियाँ पहाड़ों से निकलकर समुद्र की ओर जाती हैं,
उसी तरह सभी विधाएँ लोक से उत्पन्न होकर वृहत समाज तक पहुँचती हैं।
सभी अभिव्यक्ति की माध्यम हैं। कवि-आलोचक डॉ जीवन सिंह का कहना है
 कि कवियों की संख्या से तो नहीं लगता।
एक-एक कवि भी दूसरे एक-एक को पढ़ता होगा,
 तब भी अच्छी खासी संख्या हो जाती है।

टटकी कविता

चारों कविताएं वीर-बहादुर ।
 'दिल्ली' कविता सिरफ लांछन की धाँसू प्रवृति लिए है ।
हाँ, इन कविताओं में 'जाति गिरोह में तब्दील हुआ
हिंदी साहित्य' नामक कविता मुझे कशमकश रूप से अभी भी बाँध रखा है । ...
औरों को भी यह पढ़नी चाहिये । कविता 'अंधेर नगरी' एकपक्षीय बोलभर है ।
 आज सवर्ण ही नहीं , वरन् पिछड़ा वर्ग भी SC/ST Act. से इतने कुप्रभावित हैं
कि जेल-यात्रा सहित बदले की भावना भी इसके सापेक्ष जुड़ गया है ।

कथांश

'क्या ये सत्य हो सकता है?' सुरभि ने अपनी आँखें झपकाईं|
ये भी सुनने में आया कि तीस हजार के वेतन वाले सब कर्मचारियों को प्रोविडेंट फण्ड की सुविधा दे दी गयी है ।
सब जानते थे कि मंत्री परिषद की नयी बढ़ोतरी के बाद विश्वविद्यालय के पीoएoसीo हाउस का मनोबल आसमान से भी ऊँचा हो गया है। उनके समर्थक मिस्टर सुरेश शर्मा, ओoपीo नडहा तथा विपिन गडकरी का पोर्टफोलियो उनके लिए इतना महत्वपूर्ण हो गया है कि उसका गर्व विश्वविद्यालय के माथे पर चढ़ा रहता है !

दोष
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फिर मिलेंगे...
अब चलते हैं इस सप्ताह के विषय की ओर.....
हम-क़दम 
सभी के लिए एक खुला मंच
आपका हम-क़दम का उनतालिसवाँ क़दम 
इस सप्ताह का विषय है
'हौसला'
...उदाहरण...
चाहत ऊँची उड़ान की,
मुश्किल डगर है आसाँ नहीं।
मेहनत से नहीं है डरना,
ख़्वाब को पूरा है करना।

हौसला बुलन्द कर,
गिरने से नहीं है डर।
उठना है थकना नहीं,
उड़ान को क्षितिज तक है पहुँचाना।

उपरोक्त विषय पर आप को एक रचना रचनी है
अंतिम तिथिः शनिवार 06 अक्टूबर 2018  
प्रकाशन तिथिः 08 अक्टूबर 2018  को प्रकाशित की जाएगी । 

रचनाएँ  पाँच लिंकों का आनन्द ब्लॉग के 

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9 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात दीदी
    सदा की तरह एक और अनोखी प्रस्तुति
    आभा लिए
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात बहुत बढ़िया संकलन सभी रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभातम् दी,
    हमेशा की भाँति अलहदा प्रस्तुति, हर रचना बेहद अच्छी लगी..शानदार संकलन दी।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात बहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं
  5. शुभ प्रभात आदरणीय

    बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  7. उजाले की महिमा कहती विचारणीय प्रस्तुति। सरस रचनाएं। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।

    जवाब देंहटाएं

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