खट्टी-मीठी यादों को समेटे २०१७ की विदाई की घड़ी आ पहुँची है,
नववर्ष बाहें फैलाये स्वागत में तैयार है।
आप सभी को प्रेम और सौहार्द के त्योहार
क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आज हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न
माननीय अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिवस है।
अटल जी न सिर्फ़ एक प्रख्यात, उदारमना राजनेता
और प्रभावशाली वक्ता हैं
अपितु एक संवेदनशील कोमल हृदय कवि भी है।
उनकी कविता की चंद पंक्तियाँ -
प्राची मे अरुणिम की रेख देख पता हूँ
गीत नया गाता हूँ
टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी
अन्तर की चीर व्यथा पलको पर ठिठकी
हार नहीं मानूँगा,
रार नहीं ठानूँगा,
काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
आज के सोमवारीय विशेषांक में पाठकों की पसंद के अंतर्गत ब्लॉग जगत की प्रबुद्ध और प्रखर रचनाकार आदरणीया मीना जी लेकर आयी है आज का अंक। कर्तव्यनिष्ठ,जागरुक शिक्षिका , ममतामयी माँ और एक संवेदनशील कवियित्री मीना जी के ब्लॉग "चिड़िया" पर सुंदर प्रेरक कविताएँ,कहानियाँ ,ग़ज़ल और संस्मरण आदि विधाओं का रसपान हमसब करते रहते है। अन्य रचनाकारों की रचनाओं पर उनकी समीक्षात्मक टिप्पणियाँ हमें विशेष रूप से प्रभावित करती हैं।
आप भी उनकी पसंद की रचनाओं का आस्वादन कीजिए।
नए वर्ष पर प्यार सहित... सतीष सक्सेना
मन के सोये तार जगाती
याद तुम्हारी ऐसे आयी ,
ऐसी लगन लगी है मन में
बाजुओं में दम अगर भरपूर है...दिगम्बर नासवा
सिर झुकाते हैं सभी दस्तूर है
बाजुओं में दम अगर भरपूर है
चाँद सूरज से था मिलना चाहता
प्राकृतिक छटा...लक्ष्मीरंगम्
सबको सबक सिखाने वाली
हरे रंग की मतवाली डाली,
फूलों से जो महकाती है,
चकोर...श्वेता सिन्हा
मुमकिन नहीं छू पाना
एक कतरा भी
उंगली के पोर से भी
फिर भी अवश हो
राह तुम्हारी तकते - तकते
दुनिया को बिसरा कर दिल ने-
सिर्फ तुम्हे ही याद किया ,
हो चली दूभर जब तन्हाई
तुमसे मन ने संवाद किया ;
पल भर को भी मन की नम आँखों से
सौभाग्यशाली हूँ मैं...अमृता तन्मय
इस निर्मल बोध को
मुझमें प्रकटाने वाले
बिना धुंआ के ही
अपनी शिखा को जलाने वाले
और मेरे आधार पर ही
ऐसी ऊंचाइयां दिलाने वाले
अनन्य सहयोगी मेरे !
कोई कहता है...
"सुबह सुबह घूमने जाते हैं, लगे हाथ टॉमी को घुमाना भी हो जाता है "
कोई कहता है...
"सुबह सुबह घूमने जाते हैं, लगे हाथ दूध का पैकेट भी ले आते हैं"
कोई कहता है....
"सुबह सुबह घूमने जाते हैं,लगे हाथ बच्चों को स्कूल बस में बैठा आते हैं"
आप सभी के स्नेहिल प्रतिकियाओं की
प्रतीक्षा में
मैं मीना शर्मा
मूलतः राजस्थान से,मुंबई में जन्मी,पली बढ़ी।हिंदी में एम. ए. और
बी. एड. किया। उच्च माध्यमिक कक्षाओं और जूनियर कालेज में हिंदी व मराठी का अध्यापन कर रही हूँ। प्रकृति से जुड़े रहना अच्छा लगता है। भावुक व संवेदनशील हूँ। लिखने से भी ज्यादा पढ़ने का शौक है।
शुभ प्रभात सखी मीना
जवाब देंहटाएंएक शानदार दिन
एक अतुलनीय पसंद
आभार सखी द्वय श्वेताजी व मीना जी को
सादर
प्रथम पूज्य अटल बाबाजी के चरणस्पर्श
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएँ....
सादर
आदरणीया मीना जी,
जवाब देंहटाएंसुप्रभातम्।
आपकी पसंद की सुरुचिपूर्ण रचनाएँ.पढ़कर आनंद आ गया।
आपको बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ प्रिय मीना जी।
आपकी पसंद में मेरी रचना को स्थान दिया आपने बेहद खुशी हुई,आपका हृदयतल से आभार।
अटल जी के जन्मदिन पर उन्हें हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंअति सुंदर प्रस्तुतीकरण
बहुत ही सुंदर.......
जवाब देंहटाएंकविवर अटल जी के जन्मदिन पर उन्हें हार्दिक बधाई
आदरणीया मीना जी,
जवाब देंहटाएंसुंंदर और सार्थक प्रस्तुतिकरण के लिए बधाई सभी रचनाएँ एक से बढ़ कर एक है..
आभार।
आदरणीय यशोदा दीदी,आदरणीय श्वेता जी,
जवाब देंहटाएंमेरी पसंद को हलचल पर स्थान देने हेतु हृदयपूर्वक आभार! हलचल के मंच पर अपने को पाकर असीमित हर्ष हो रहा है। परमपिता परमेश्वर का भी तहेदिल से धन्यवाद, जिसने कदम कदम पर अपनी कृपा का अहसास कराया है मुझे....मेरी रचनाओं के प्रणेता का हृदयपूर्वक आभार !
आप सभी सुधिजनों के लिए तो धन्यवाद एवं आभार शब्द बहुत छोटा है।
आदरणीय अटलबिहारी जी के जन्मदिन पर उन्हें बहुत बहुत शुभकामनाएँ । यहाँ एक घटना याद आ रही है। मेरे बाबूजी (ससुरजी) अटलजी के परमभक्त थे। अटलजी से मिल भी चुके थे। अटलजी की एक फोटो और कैसेट में भरी अटल जी की आवाज जो वे खुद रेकॉर्ड कर लाए थे, ये दोनों चीजें मानो थाती थीं बाबूजी की। एक बार वह फोटो मुझसे गिरकर टूट गई। नवविवाहिता ही थी मैं,मुझे क्या पता उस फोटो का इतिहास ! बाबूजी का गुस्सा तो झेलना पड़ा। बाद में अटलजी की कविताएँ पढ़कर, बाबूजी से उनके बारे में जानकर मेरे भी श्रद्धास्थान बन गए अटलजी ! ये यादें ना जाने मन के किस कोने में निद्रालीन पड़ी होती हैं...जरा सी आहट भर कर दे कोई, जाग जाती हैं यें.....
सुन्दर सूत्रों का चयन किया है मीना जी ने। बहुत सुन्दर प्रस्तुति श्वेता जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार प्रस्तुति और हर प्रस्तुति पर सटीक टिप्पणी लाजवाब।
जवाब देंहटाएंअटल जी के जन्म दिवश पर उन से शुरू करते हुवे सराहनीय उत्थान को अग्रसर आज की प्रस्तुति।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
मीनाजी का संक्षिप्त पर पूर्ण परिचय उत्साहित करने वाला।
बहुत बधाई।
जी.... बहुत अच्छी लिंको का चयन...सभी रचनाएं मन को भाने वाली है।साथ ही आपकी प्रस्तुति भी शानदार रही... अटल जी को लेकर आपकी संस्मरण मन को भा गई..उन्हे मेरी तरफ से भी ढेरों शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअटल जी के जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं!
अतुलनीय प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआदरणीय मीना जी --- सस्नेह अभिवादन | आपकी पसंद के इन लिंकों में परम आदरणीय अटल जी के जन्म- दिन की सुचना और उनकी रचना को भूमिका में पा अत्यंत हर्ष हुआ | अटल जी ने राजनीति के पंक में खुद को एक ईमानदार कवि और संवेदनशील इन्सान के रूप में भरपूर साबित किया | उन्हें उनके जन्म दिवस की सुखद बेला पर हार्दिक शुभकामनाएं | आज का लिंक खोला तो आभास ना था कि खास लिंकों में मुझे मेरी रचना भी मिलेगी | सस्नेह सादर आभार आपका इस अप्रत्याशित ख़ुशी के लिए | मुझे अच्छा लगा मेरी रचना आपकी पसंदीदा रचनाओं में से एक है |आपने सच कहा यादें कही सोयी रहती हैं भीतर और जरा सी प्रेरणा के स्नेहासिक्त स्पर्श से जीवंत हो ये शब्दों में ढल गीत,गजल बन जाती हैं | आपकी पसंद की सभी रचनाएँ पढ़ी आपकी बेहतरीन पसंद पर गर्व हुआ | यूँ तो आभासी मंच पर एक भी रचना मैंने नहीं देखी जो निरर्थक हो -- सभी अच्छा सार्थक सृजन कर रहे हैं फिर भी कई रचनाएँ सचमुच मन के भीतर बस जाती हैं और हमेशा याद रहती हैं | पांच लिंकों में इस तरह का आयोजन देख कर बहुत अच्छा लग रहा है | आजके संकलन के सभी रचनाकार साथियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं | आपके बारे में जानना बहुत सुखद है | आभासी दुनिया में आप जैसी सुशिक्षित और सवेदन शील साहित्य साधिका से परिचय मेरा सौभाग्य है | आपको सपरिवार मेरी अनेकानेक मंगलकामनाये मिले | सादर - सस्नेह --
जवाब देंहटाएंप्रिय रेणु बहन, आज की इस बेहतरीन प्रस्तुति का श्रेय आदरणीय श्वेता जी को जाता है। मैंने तो सिर्फ अपनी पसंद के लिंक्स और अपना परिचय दिया। श्वेताजी को बहुत बहुत धन्यवाद स्नेहसहित....
हटाएंजी आदरनीय मीना बहन -- प्रिय श्वेता जी का सहयोग सराहनीय है आप दोनों को इस सार्थक सफल संयोजन पर हार्दिक बधाई |
हटाएंवाह! बहुत सुन्दर संकलन!!!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी रचना चुनी.
आजकल पाँव जमीं पर नहीं पड़ते मेरे....
आदरणीय मीना जी की पसन्द और श्वेता जी का प्रस्तुतिकरण ......बहुत ही लाजवाब...
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकाऱों को हार्दिक शुभकामनाएं....
रचना को स्थान देने के लिए आभार आपका
जवाब देंहटाएं