पाकिस्तान की जेल में क़ैद भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव जिनका कथित तौर पर नक़ली नाम इलियास हुसैन मुबारक़ पटेल भी चर्चा में है। मार्च 2016 में पाकिस्तान ने अपने एक प्रान्त
बलूचिस्तान से जहां आज़ादी के लिए आंदोलन उग्र है जासूसी और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाकर गिरफ़्तार
किया। पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण जाधव व्यक्ति
भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी RAW के एजेंट हैं। पाकिस्तान ने
इनका क़बूलनामा भी ज़ारी किया.
पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट ने 10 अप्रैल 2017 को इन्हें फांसी की सज़ा सुनाई तब भारत की ओर से इस फ़ैसले पर सख़्त आपत्ति जताते हुए ICJ (अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ) में अपील की गयी और बताया गया कि इनका ईरान में कारोबार है और ये भारतीय नागरिक हैं ( भारत सरकार की ओर से इनकी पहचान के दस्तावेज़ पेश किये गये जबकि जासूसों की पहचान के दस्तावेज़ नहीं होते हैं ) . भारत का दावा है कि कुलभूषण जाधव को ईरान से अपहरण कर गिरफ़्तार किया गया है।
एक माह बाद 10 मई 2017 को भारत की अपील पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने इस फांसी पर रोक लगा दी। भारत अपने प्रयासों में संलग्न है ताकि कुलभूषण जाधव को बचाया जा सके।
भारत में ऐसी आशंकाऐं व्यक्त की जा रही थीं कि पाकिस्तान के रबैये से लगता है जैसे कुलभूषण जाधव को टॉर्चर के दौरान मार डाला गया हो ... शुक्र है कि वे ज़िंदा हैं।
विगत 25 दिसंबर 2017 को पाकिस्तान ने अपना दरियादिल रूप दिखाने के फेर में कुलभूषण जाधव की माँ और पत्नी से अपने विदेश मंत्रालय के कार्यालय में मुलाक़ात का इंतज़ाम किया।
इस मुलाक़ात के दौरान कुलभूषण जाधव और उनकी माँ व पत्नी के बीच काँच की दीवार रखी गयी और उन्हें मराठी भाषा में बात नहीं करने दी , साथ ही दोनों महिलाओं के कपड़े बदलवाये गये , चूड़ी ,बिंदी और मंगल -सूत्र तक निकलवा दिये गये। मुलाक़ात के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने तल्ख़ सवाल पूछे इन महिलाओं से। कुलभूषण जाधव की पत्नी की जूतियां किसी धातु की उपस्थिति ( गुप्त कैमरा या रिकॉर्डर) के शक़ में ज़ब्त कर लीं गयीं बदले में दूसरी जूतियां दी गयीं। कल ये जूतियां जांच के बाद लौटा दी गयीं।
इस प्रकरण ने भारतीय जनमानस में ख़ासी चर्चा बटोरी है। आक्रोश का ज्वार चरम पर है। पाकिस्तान का यह व्यवहार बेशक घोर निंदा का बिषय है। पाकिस्तान और भारत का साझा इतिहास है अतः तल्ख़ी का पैमाना हद तक अपना असर दिखाता रहता है। पाकिस्तान ने हमारे सैनिकों के मृत शरीर के साथ भी अमानवीयता की निम्नतम स्तर की निंदनीय अक्षम्य हरक़तें की हैं। अंतर्राष्ट्रीय जनमत भारत के पक्ष में है।
संक्षेप में यह ज़िक्र यहां इसलिए किया गया ताकि लोग इस मुद्दे को सही रूप में समझ सकें।
चलिए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलते हैं -
अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कवि एवं चिंतक प्रोफ़ेसर अशोक चक्रधर जी की नव वर्ष के स्वागत में एक रचना पढ़िए-
यारा दस्तक देत अठारा — अशोक चक्रधर
आदरणीया श्वेता सिन्हा जी ने ब्लॉग जगत में अपनी मख़मली एहसासों से सजी प्रकृति के अनुपम सौंदर्य की छटा बिखेरती रचनाओं से ख़ास मक़ाम हासिल किया है। पेश-ए-नज़र है उनकी नव वर्ष पर एक रचना -
बदलते साल में.... श्वेता सिन्हा
आज हम बे-फ़िक्र सोते हैं अपने घरों में क्योंकि हमारी सीमाऐं जांबाज़
सैनिकों की सजग पहरेदारी से सुरक्षित हैं। पेश है आपकी सेवा में
आदरणीय गौतम राजऋषि जी की एक सारगर्भित प्रस्तुति -
अब लौट आओ प्रियवर..... सुधा सिंह
सारगर्भित सुझावों की प्रतीक्षा में।
शुभ प्रभात भाई रवीन्द्र जी
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति
साधुवाद
सादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति रवीन्द्र जी।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात,
जवाब देंहटाएंसुंदर हलचल प्रस्तुति.
मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपकी बहुत बहुत आभारी हूँ रवींद्र जी. सादर
बहुत उम्दा संकलन
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनायें
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली प्रस्तावना संग बहुत सुन्दर लिंक संयोजन रवीन्द्र जी,
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई सुधिजनों के बीच मेरी भी रचना को स्थान देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद..
आभार।
बहुत सुंदर संकलन !!! बधाई!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चर्चा आदरणीय रविंद्र जी आभार आपका
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर...
बेहद सराहनीय
मेरी तरफ से शुभकामनाएं
बहुत सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआदरणीय रवींद्र जी,
जवाब देंहटाएंशुभ संध्या।
पाकिस्तान के द्वारा किया गया ऐसा कृत्य नया नहीं है एक पड़ोसी होकर भी सदा हमारे साथ उसका व्यवहार शत्रुओं सा ही रहा है।हमारे सैनिकों के साथ किये गये व्यवहार से मन आक्रोशित हो जाता है। जाधव जी का यह मामला अब अंतर्राष्ट्रीय बन चुका है,उम्मीद है उनको उचित न्याय जरुर मिलेगा। समसामयिक विचारणीय भूमिका लिखी है आपने।
बहुत सुंदर सार्थक रचनाओं के साथ आपके द्वारा लिखे गये विशेष विचार अत्यंत आकर्षक है। सराहनीय प्रस्तुतिकरण।
सभी रचनाएँ बहुत अच्छी लगी।
मेरी रचना को स्थान देने के लिए अति आभार आपका।
सभी साथी रचनाकारों को मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ हैं।
आदरणीय रविन्द्र जी -- आज के संकलन की भूमिका में जाधव जी के बारे में आपके विचार पढ़े | जैसा कि श्वेता जी ने कहा पाकिस्तान का ये दोहरा चरित्र नया नहीं है | पर राजनीति से अलग ये या इस जैसे अनेक मामले बहुत मर्मस्पर्शी हैं | देश के लिए प्रतिबद्ध सैनिक जब ऐसी अमानवीय परिस्थितियों और मानसिक यंत्रणा से गुजरते होगें तो जाने उनके मन पर क्या गुजरती होगे और परिवार तो एक मौत रोज मरता होगा | काश के जाधव जी को पूरा न्याय मिले ताकि लोगों का अंतर्राष्ट्रीय मंच पर न्याय मिले और वे सकुशल घर पहुंचे पाकिस्तान शनै -- शनै क्रूरता और अमानवीयता का पर्याय बनता जा रहा है - सभी नैतिक मूल्यों को दरकिनार कर उन्हें शांति या आपसी प्रेम की कतई चाह नहीं | बहुत विचारणीय विषय है -- हमें हर तरीके से ऐसे परिवारों को धैर्य बंधाना चाहिए | सभी रचनाएँ पढ़ी - बहुत ख़ुशी हुई | गौतम राजरिशी की हाजिरी कमाल है | सभी साथी रचनाकारों को हार्दिक बधाई और शुभकामना | सफल संयोजन के लिए आपको भी बहत बहुत बधाई | सादर
जवाब देंहटाएंसुंंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंविचारणीय एवं समसामयिक मुद्दे के साथ बेहतरीन प्रस्तुतिकरण एवं उम्दा लिंक संकलन...
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