कुल जमा आठ दिन बचे हैं होली को
होलाष्टक लग गया है..
कोई शुभ कार्य नहीं
लोगों की जबान का ताला खुल गया है
अभी तो चलिए पसंदीदा रचनाओं की ओर....
सेलुलर जेल, जहाँ एक तरफ अंग्रेजी शासन में अमानवीय यातनाओं का केंद्र रहा वहीं दूसरी तरफ आज आज़ाद भारत में क्रांतिकारियों के तीर्थस्थल के रूप में पहचाना जा रहा है. ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिए, जो देश की आज़ादी में न्योछावर हो चुके क्रांतिकारियों के प्रति आदर-सम्मान का भाव रखता है, सेलुलर जेल किसी भी तीर्थ से कम नहीं है.
ग़ज़ल.........कालीपद "प्रसाद"
बेवफा रिश्ते निभाने आ गया
आज मुझको आजमाने आ गया |
भूला बिसरा गीत यादों में बसा
दोस्त उसको गुनगुनाने आ गया |
होली के मतवाले रंग....जयश्री वर्मा
इस प्रकृति के सात रंग से जन्मे कई हज़ार हैं रंग,
ख़ुशी जताते चटकीले रंग,फीके हैं दुखियारे रंग,
इस जीवन की उठापटक के टेंशन वाले न्यारे रंग,
गर जीते तो सर्वेसर्वा वर्ना हैं आरोपों के सारे रंग,
प्रेम -अगन.......निरुपमा मिश्रा त्रिवेदी
नादिरा का चेहरा देख नटखट राधा के होंठो पर मुस्कराहट खेल गयी - " कैसी बात नादिरा" राधा ने पूछा | " यही कि चाहे-अनचाहे ये कमबख्त प्यार-मोहब्बत का टोकरा लिए हर दूसरे दिन कोई न कोई सामने आकर जबरन हाज़िर हो जाता है, क्या बला है ये भी"
नादिरा की बात सुनकर राधा ठहाका मार कर खिलखला पड़ी, बमुश्किल अपनी हंसी को रोकते हुए बोली कि-" अरे मेरी प्यारी सखी, ये इश्क़ है, प्यार है, मोहब्बत है कोई बला नही है री, ये प्रेम वो अगन है जो लगाये न लगे और बुझाये न बुझे, कितने ही रिश्ते , सपनें सब इस अगन में जलकर राख़ हो जाते मगर ये लाइलाज रोग जैसे ही होता है क्योंकि दिल जो होता है न सबका वो तो किसी सूरत में नहीं मानता जी "
माली...एम.रंगराज अय्यंगर
उस दिन एक चिड़िया
मेरे बगीचे में कोई बीज गिरा गई.
पता तो तब चला जब बाग में
सिंचाई से वह अंकुरित हो उठा ।
बात पते की..डॉ. सुशील जोशी
होली के दिन
बेटा बाजार से
लौट कर
आ रहा था
मुस्कुराकर
अपनी बुआ को
बता रहा था
पडो़स के एक
चाचा जी को
सड़क पर
हिलता डुलता
चलता देख
कर आ रहा था
......
मैे कह रही थी..
लोगों की जबान का ताला खुल गया
कल तक दीदी कहने वाले
आज भाभी कहने लगे...
आज्ञा दें यशोदा को
बुध को मैं नहीं मिलूँगी
पर अंक ज़रूर प्रकाशित होगा
प्यादे से फर्जी भयो टेढो टेढो जाये और समझ में आये
जवाब देंहटाएंदीदी से भाभी कहे किसे कौन समझाये समझ ना आये ।
:) :)
बड़िया प्रस्तुति यशोदा जी । आभारी है 'उलूक' एक बहुत पुराने सूत्र पुरानी बात 'एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया : होली है' को आज की हलचल में जगह दी ।
आभार यशोदा जी, आपने थोड़ी जगह मुझे भी दी.
जवाब देंहटाएंआभार यशोदा जी, आपने थोड़ी जगह मुझे भी दी.
जवाब देंहटाएंअच्छी हलचल है ...
जवाब देंहटाएंबढ़िया हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंबुधवार का बेसब्री से इंतज़ार होता लेकिन
आदरणीय लेकिन? किसलिये?
हटाएंबुधवार को महिला सम्मेलन है पटना में ..साथ में होली मिलन भी है
हटाएंसो असमंजस में है मेरी दीदी