देखिये क्या निकल कर आता है ? एक हलवाई से जब हलवा
बनवाना छोड़ कर उसे हल चलाने का आदेश दे दिया जाता है। वैसे एक दिन का बादशाह बना ही दिया ‘उलूक’ को यशोदा
जी ने अतिथी चर्चाकार के रूप में। चलिये आज अपनी मनमानी कर ही ली जाये। चर्चा कर लेने की गुस्ताखी के लिये क्षमाप्रार्थी भी हूँ। महसूस हुआ जैसे कहा गया हो आदेश में
बहुत हो गया 'उलूक' पेड़ पर बैठ जुगाली करना देर
रात गये
जरा उतर कर तो आ जमीन पर
दिन की रोशनी में भी कभी।
अब दे दिया उस्तरा नाई का हाथ
में काटने के लिये तो छीलनी तो पड़ेगी ही घास नहीं हवा ही सही। रोज वाह वाह कर ले जाना एक चर्चाकार
की एक चर्चा पर बहुत आसान है। चर्चा कर लेना कुछ लिखे की कहीं यूँ ही खेल नहीं है।
सच में जो कर रहे हैं बिना नागा उनको सलाम है। पाँच लिंको के आनन्द को लगातार निखारने
में लगी यशोदा जी और साथी हों शास्त्री जी, रविकर जी, दिलबाग जी का चर्चा मंच हो, रश्मि प्रभा
जी, सलिल जी, देव जी , राजा जी, शिवम जी, हर्षवर्धन जी का 'ब्लॉग बुलेटिन' या आई ब्लॉगर टीम के छुपे रुस्तम हों सभी को साधुवाद। ब्लॉग सेतु के सदस्यों की मेहनत
भी काबिले गौर है । आज मौका मिला है तो परिचय कराना चाहूँगा अपने ही आस पास के एक नगीने से जिसे शम्भू राणा के नाम से जाना जाता है। जिनको पढ़ कर समझ में आता है कि उपाधियाँ होना ही प्रमाणपत्र नहीं होता है एक स्थापित लेखक होने के लिये। जो लोग परिचित है राणा जी से वो बता सकते हैं और भी बहुत कुछ उनके बारे में। आज के पाँचों सूत्र उन्ही के नाम कर रहा हूँ। बाकी पाठकों के ऊपर छोड़ता हूँ।
1.जनसंख्या का अधिकांश हिस्सा इन दिनों जान पड़ता है कि सम्मोहन के असर में है और साथ ही इश्क में भी मुब्तिला है।
2. दिन भर भावी विधायकों, उनके समर्थकों को सहयोग और आशीर्वाद देते-देते आदमी शाम होते-होते थकान महसूस करने लगा था। चुनाव-चिन्ह सपनों में आने लगे थे।
3. राजनीति और मौसम के बारे में हमारी याददाश्त बेहद कमजोर होती है। बड़े से बड़ा घोटालेबाज नेता अगली बार फिर चुनाव जीत जाता है।
4. मरने वाले के परिवार वालों को उसकी महानता का पता तब चलता है जब उसे मरे कई दिन हो चुके होते हैं।
5. ….. प्रेम पत्र इतनी अस्वाभाविक और अप्राकृतिक चीज तो नहीं कि जिसके लिए इतनी जिल्लत उठानी पड़े !
'उलूक' की आदत है पुरानी है हर फटे में पैर अड़ाने की
मेरे कस्बेपन से
गुजरते हुए
बिना बात के
बात ही बात में
शहर हो गये
जैसे शहर में
जिसकी किसी
एक गली में
कोई ऐसा भी
कहीं रहता है
और अंत में
होली का शुभकामनाएँ
श्री शम्भू राणा जी के
उपरोक्त सभी पाँचों सूत्रो को यहाँ उद्धरित करने के लिये आभार:
नैनीताल समाचार।
आदरणीय भैय्या जी
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
आभार..
एक नई परम्परा की शुरुआत हुई
अतिथि चर्चाकार द्वारा
एक विशेष अवसर पर
एक विशेष प्रस्तुति
आभारी हूँ....
सादर
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमहिला दिवस की हार्दिक बधाई
आभारी हूँ यशोदा जी आपने एक मौका दिया चर्चा करने का। समयाभाव के कारण मुश्किल होता है चर्चा का काम सम्भालना सब के लिये। बाकि सब बढ़िया है बस ब्लॉग की दुनियाँ में बस कुछ प्पणियों का टोटा है। आज महिला दिवस है सभी को शुभकामनाएं। अब इंतजार है ब्लॉग टिप्पणी दिवस के आने का किसी दिन। पुन: आभार।
जवाब देंहटाएंGood morning Bhai Sushil Sir.
हटाएंThanks.Thanks And Thanks
Today internet is failure here in Raipur
Good morning Bhai Sushil Sir.
हटाएंThanks.Thanks And Thanks
Today internet is failure here in Raipur
Happy Women's day
जवाब देंहटाएंजोशी जी द्वारा प्रस्तुत हलचल प्रस्तुति अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंधनयवाद कविता जी।
हटाएंसादर अभिवादन
जवाब देंहटाएंअभी तक इस अंक को 216 बार देखा जा चुका है
शुभ संध्या बहुत सुंदर संकलन बहुत-बहुत आभार
जवाब देंहटाएंआभार कुलदीप जी।
हटाएंतिथि खत्म होने के पहले हाज़िर हूँ। ...... सुबह से अब तक सोच में आज का पोस्ट रहा
जवाब देंहटाएंउम्दा पोस्ट बनाने के लिए धन्यवाद और बधाई
सप्ताह में एक दिन का पोस्ट आगे भी आप बनाते रहेंगे ये उम्मीद है
सादर
आभार आदरणीय :) जी नहीं बस एक दिन का ठेका लिये थे ।
हटाएंबहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति, धन्यबाद सुशील जी।
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय।
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