स्नेह रंग.....शशि पुरवार गली गली में घूम रही है मस्तानों की टोली नीले, पीले, रंग हठीले आओ खेलें होली
लालसा की होलिका में....रश्मि शर्मा प्रह्रलाद की तरह आज हर इंसान जल रहा है माया-मोह-लालसा की होलिका में... इन्हें किसी हिरणकश्यप ने अपने अंहकार के वशीभूत हो आग में जलने को विवश नहीं किया है....
पढाई की स्कॉलरशिप का सपना देख रही थी। उस छात्रवृत्ति के लिए सुलोचना को फैशन डिप्लोमा की आवश्यकता थी जिसकी फीस लाखो में थी। सूर्य को जब यह बात पता चली तो उसने अपने सभी संसाधन सुलोचना के डिप्लोमा की तरफ केंद्रित किये। अपनी दूकान बेचकर उसने किसी तरह सुलोचना की फीस भरी।
सुन्दर होली की हलचल। आभार यशोदा जी 'उलूक' के सूत्र 'गीता में कही गयी हैं बातें वही तो हो रही हैं नजर आ रहा है मत कहना ‘उलूक’ पगला रहा है' को स्थान देने के लिये। होली की शुभकामनाएं सभी को।
पांच लिंकों का आनंद की आज की प्रस्तुति उमंग और उल्लास के पर्व होली को वैचारिक दृढ़ता के साथ रसमय हो जाने की मंशा के साथ प्रस्तुत है. सभी को होली की मंगलकामनाऐं !
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बहुत सुन्दर सूत्रों से सजी हलचल ! सभी मित्रों व पाठकों को होली पर्व की हार्दिक बधाई एवं मंगलकामनाएं !
जवाब देंहटाएंसुन्दर होली की हलचल। आभार यशोदा जी 'उलूक' के सूत्र 'गीता में कही गयी हैं बातें वही तो हो रही हैं नजर आ रहा है मत कहना ‘उलूक’ पगला रहा है' को स्थान देने के लिये। होली की शुभकामनाएं सभी को।
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद की आज की प्रस्तुति उमंग और उल्लास के पर्व होली को वैचारिक दृढ़ता के साथ रसमय हो जाने की मंशा के साथ प्रस्तुत है. सभी को होली की मंगलकामनाऐं !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसादर
मेरी कविता को सम्मलित करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा भी बहुत रंग बिरंगी लगी ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर उम्दा संकलन....
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