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सोमवार, 20 मार्च 2017

612....निगल और निकल यही रास्ता सबसे आसान नजर आता है

सादर अभिवादन....
निगल लिया मार्च को भी
2018 ने.... तनिक से थोड़ा जियादा समय
बचा है.....मताधिकार पाने के लिए


आज की पसंदीदा रचनाएं.....


लीक से हटकर
जैसे किसी आत्मा ने पटेल बा पर अपनी सवारी उतार दी हो इस तरह 
पटेल बा ने जोर-जोर से चिल्लाना, आवाजें लगाना शुरु कर दिया - 
‘डरना मत रे! घबराना मत रे! ये डाकू नहीं हैं। ये तो अपने पुलिसवाले हैं।’ छोटा सा गाँव और कवेलू की छतें। पटेल बा की आवाज गाँव के 
हर घर में गूँज उठी। जिनकी अफीम थी वे तो पहले से ही अधजगे थे। वे तो पूरे जागे ही जागे, बाकी गाँव भी जाग गया और पटेल बा का मकान मानो पंचायत घर में बदल गया। जिनका ‘माल’ था, वे चीतों की तरह झपटे। अपना-अपना ‘माल’ कब्जे किया। ठिकाने लगा कर वापस 
पटेल बा के घर पहुँच, भीड़ में शामिल हो गए।


पहली बार
प्रकृति हैरान थी
बहुत कोशिश की गयी
बदलाव को रोकने की
परंपरा -संस्कृति की दुहाई दी गयी
धर्म -ग्रंथों का हवाला दिया गया
पर ..... स्थितियां बदल चुकी थीं

ये निगाहें इक अजीब सा ही गुनाह किये जाती हैं,
इधर-उधर भटकती सी तुम पे ही ठहर जाती हैं।
ये ज़ुबाँ है कि लफ़्ज़ों संग खेलना शौक है इसका,
पर क्यों ये तुम्हारे सामने बेज़ुबान सी बन जाती है।

पथ भ्रष्ट नही कर पाओगे............डॉ. अपर्णा त्रिपाठी
पग डगमग कितने कर लो
पथ भ्रष्ट नही कर पाओगे
भले बिछा लो शूल मार्ग में
पर अनिष्ट नही कर पाओगे


यूँ ही....विभारानी श्रीवास्तव
वय आहुति पकी वंश फसल गांठ में ज्ञान
जीवन संध्या स्नेह की प्रतिमूर्ति चाहे सम्मान
एक जगह रोपी गई दूजे जगह गई उगाई
बिजड़े जैसी बेटियाँ आई छोड़ पल्लू माई

ओढ़े हुए तारों की चमकती हुई चादर........जां निसार अख्तर
जब शाख़ कोई हाथ लगाते ही चमन में 
शरमाए लचक जाए तो लगता है कि तुम हो 
संदल से महकती हुई पुर-कैफ़ हवा का 

झोंका कोई टकराए तो लगता है कि तुम हो 


अभी तो बस चलना  सीखा
चढ़ा दिया मेहनत की सीढ़ी
बचपन इनका छीन लिया 
चेहरे से मुस्कान भी छीनी


पचता 
नहीं भी है 
फिर भी 
निगलना 
जरूरी 
हो जाता है 

‘उलूक’ 
चूहों की दौड़ 
देखते देखते 
कब चूहा हो 
लिया जाता है 
.......
आज्ञा दें
यशोदा को
सादर



8 टिप्‍पणियां:

  1. Bhut hi sundar rachnaye h keep posting and keep visiting on https://kahanikikitab.blogspot.in

    जवाब देंहटाएं
  2. ढ़ेरों आशीष व असीम शुभकामनाओं संग शुभ दिवस छोटी बहना
    अभिभूत हूँ अनुगृहीत संग

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात
    बहुत सुन्दर लिंको का चयन
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. बढ़िया प्रस्तुति यशोदा जी । अभार 'उलूक' के सूत्र को भी जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति .....

    जवाब देंहटाएं

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