सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष
कल बेटे का जन्मदिन है
वो USA में है
कल ही भतीजे का भी जन्मदिन है
वो पटना(बिहार) में है
और
हम महाराष्ट्र में हैं
कल महादेवी वर्मा जी का भी जन्मदिन है
कल का पल नहीं ठहरा
वक्त की
भावाभिव्यक्ति से बनती
अपूर्वा सवाल खड़े करती पूछती है -
'नदियां बदलती हैं आपना रास्ता,फिर मां से ही
अथाह धीरज की अपेक्षा क्यों
मां पर्वत नहीं थी और पर्वत भी टूटता है
छीजता है समय के साथ-साथ'।
वो इंतज़ार
करता रहा
उस जगह,
जहाँ पहले कभी-
वो मड़ुए की पिसती चटख़नों
और गिरते पानी के
तड़ तड़ के बीच,
बुलाना पड़ा
तभी तो सभी को जताना पड़ा है
शमा याद कर जब विरह में जली तब
सबक प्यार का फिर सिखाना पड़ा है
कठिन था बहुत प्यार की राह चलना
नज़र-ए-इश्क
सनम हरजाई नजरों से ऐसा जाम पीला गये,
हमारै अंगअंग में पगली प्रित अगन जला गये
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फिर मिलेंगे
विभा रानी श्रीवास्तव
शुभ प्रभात दीदी
जवाब देंहटाएंसादर नमन
कल-कल कर बहती नदिया
कलरव करते पंछी भी
एक गीत भी याद आ रहा है
कल हम जंवा होंगें
जाने कहां होंगे
....कुछ मैं उल्टा-सुल्टा भी लिख गई
कल मुझे चेन्नई जाना..सादर
भूल गई न..
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की बधाइया प्रषित करिएगा
सादर
बेटे और भतीजे को जन्मदिन की शुभकामनाएं। सुन्दर प्रस्तुति विभा जी।
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन, शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंसुन्दर हलचल प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
सादर
You should write poet name....
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