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सोमवार, 24 मार्च 2025

4437 ...कुछ सीख लेने की सच्ची ललक मन में ठान लो तो गुरु स्वयं प्रकट हो जाता है

 सादर अभिवादन



अगर आपके अंदर थोड़ा भी देशप्रेम हो तो 
शहीद दिवस पर हमारे अपने शहीदों
भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को श्रद्धांजलि अवश्य अर्पित करें

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राज अनोखा जाना जिसने
वही ठगा सा खड़ा रह गया,
ख़ुद को देखे या अनंत को
भेद न कोई बड़ा रह गया !






कवि प्रेम की कल्पना करता
सर्वदा शुभ कामना करता
कर्तव्यों की अवधारणा करता
सद्भावों की प्रेरणा देता।
देश की गौरव गान सुनाता
मातृभूमि का मान बढ़ाता





कौन कब क्या किससे सीख ले कुछ कहा नहीं जा सकता है। कहते हैं कि अगर कुछ सीख लेने की सच्ची ललक मन में ठान लो तो गुरु स्वयं प्रकट हो जाता है। यही प्रकृति का नियम है। कई बार तो गुरु प्रकट होता है और वो सिखाने से मना कर देता है, तब पर भी सच्चा सीखने वाला छिप छिप कर सीख लेता है। जैसे कि एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य से सीख लिया था। हालांकि छिप छिप कर सीखने की ट्यूशन फीस में अंगूठा काट कर देना पड़ा। आजकल के जमाने में तो सामने सामने एग्रीमेंट करके सिखाओ तो भी ट्यूशन फीस की वसूली का काम वसूली एजेंसी को देना पड़ता है।






अपनी सफलता  से तो सभी खुश होते हैं,परन्तु किसी को  सफलता कि और  आगे बढ़ाने में सहायता  करना भी  सच्ची सफलता के लक्षण  हैं।
बस थोड़ा सा  प्रोत्साहन का  टॉनिक  और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
अपने विषय का पूर्ण ज्ञान होने पर  आत्मविश्वास की जड़े मजबूत  होती हैं ,तब दुनियाँ कि कोई भी आँधी आपकी सफलता में बाधक  नहीं बन सकती।


फिर मिलते हैं
वंदन

4 टिप्‍पणियां:

  1. शहीदों को शत शत नमन ! सीखने की ललक हो तो भीतर सद्भाव उठते हैं, और सारा जगत प्रोत्साहन देता हुआ प्रतीत होता है, सुंदर अंक, आभार यशोदा जी !

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