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बुधवार, 19 मार्च 2025

4432..सफर के समान..

 ।।प्रातःवंदन। ।

"चाहे कोई दार्शनिक बने साधु बने या मौलाना बने, अगर वो लोगों को अंधेरे का डर दिखाता है, तो ज़रूर वो अपनी कंपनी का टॉर्च बेचना चाहता है।"

 हरिशंकर परसाई

इसी के साथ प्रस्तुतिकरण को आगे बढाते हुए ✍️



एक धन्ना सेठ था। बड़ी मन्नतों से उसका एक बेटा हुआ। भारी जश्न हुआ। हवन के बाद विद्वान पंडितों ने जन्मपत्री बनाई तो स्तब्ध । सेठ जी ने जब पूछा तो पंडितों ने काफी संकोच से बताया कि इसकी कुल आयु सत्रह वर्ष ही है।..
✨️

जब कोई सुबह

जगाए नहीं तुम्हें 

मेरी तरह

जब कोई रात में

प्रतीक्षा न करे 

आने की 

तेरी तरह..
✨️



 बुड़ो की सी ख़ासी,बच्चों का सा रोना है

दर्द हमारा सर्दी का बिछौना है….


तक़रीरों मैं मुँह बनाकर कैसे हम रह लेते है

एक बिस्तर पर कैसे तेरा मेरा दो कोना है..
✨️
जीवन में धन का अभाव हो या किसी भी और बात का, फिर भी उतनी हानि नहीं उठानी पड़ती जितनी हानि तब होती है जब मन में कृतज्ञता का अभाव हो। कृतघ्न व्यक्ति से ख़ुशी ऐसे ही दूर भागती..
✨️

घर बाग-बाग है 

आने से तुम्हारे ये फ़िज़ाँ सब्ज़-बाग है 

दिल की भाषा दिल ही समझता है 

फूल खिलते हैं ..
।।इति शम।।
धन्यवाद 
पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️

4 टिप्‍पणियां:

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