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शुक्रवार, 21 मार्च 2025

4434...हमारी समझ न आए

सभी का हार्दिक अभिनंदन।
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आपने ध्यान दिया कि नहीं
मार्च के महीने में तापमान 
झुलसाने लगा है... 
गरमी के मौसम के दस्तक के साथ ही
कुछ नारे बुलंद हो जाते हैं।
"बिन पानी सब सून"
"जल ही जीवन है"
"पानी की एक भी बूँद कीमती है"
इन नारों को
मात्र मौसम के अनुरूप स्लोगन बनाकर
ही प्रयोग नहीं करना चाहिए बल्कि
 आत्मसात करने की आवश्यकता है।
पानी के बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
भूगर्भीय जल का लगातार कम होना 
कितना गंभीर है इसे समझना बहुत जरूरी है
धरती का 75 प्रतिशत भाग जल है।
पर जो जल जीवों के जीवन के लिए संजीवनी जैसी है उसका प्रतिशत मात्र 2.7 है।
हम मानवोंं की लापरवाही से उत्पन्न
पारिस्थितिकीय असंतुलन की वजह से
जो परिवर्तन प्रकृति में हो रहा
आप भी महसूस करते है न? 
देशभर से मिलने वाले समाचार और तस्वीरों की माने तो आने वाले सालों में पेयजल की समस्या का कोई हल न निकला तो बूँद-बूँद पानी के लिए हमें जूझना होगा।

आज की रचनाएँ-
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दो में करके हृदय विभाजित, 
क्यों खुद को आधा करता है
सूत्रों के जंजाल में फँसना,
जीवन में बाधा करता है ।
मन से मन की दूरी को,
मन ही तो कम-ज्यादा करता है
एक तीर से कई निशाने,
लक्ष्य कई साधा करता है ।

मानव का यह छद्म वेष, यह
असली - नकली चरित हमारी समझ ना आए !
जीवन का यह गणित हमारी समझ ना आए 



अब भूले भटके
आँगन में बैठकर
देखती है टुकुर मुकुर
खटके की आहट सुनकर
उड़ जाती है फुर्र से

वह समझ गयी है कि
आँगन आँगन
दाना पानी के बदले
जाल बिछे हैं
हर घर में
हथियार रखे हैं




नकारात्मक मूल्यों की गंध पर 
विवेक की पंखुड़ियों का 
सतत सख़्त पहरा रहा होगा
कालांतर में क्षरण हुआ 
सजगता और 
सत्य के प्रति आग्रह का   
छल अति क्षुधित पाषाण-सा 
टकराता रहा सत्य की दीवार से 



एहसान चुकाने के लिए ही सही,
इसकी मरम्मत करा दो
या यही सोचकर करा दो
कि कल किसने देखा है,
कौन जाने,
इसी सड़क से तुम्हें
कभी वापस लौटना पड़े?




तोतले बोलों से पुकार बजाती ताली बार-बार है ! 
आहट सुन मुन्नी की माँ जाग कर उसे बुलाती है
पास न पाकर घबराकर बाहर खोजने भागती है ।
मुन्नी को गौरैया संग खेलता देख दंग रह जाती है !
आते देख उसे जो गौरैया फुर्र से उङ जाती है ..
मुन्नी की ताली पर वही आज बेधङक फुदकती है !
फुदक-फुदक हथेली पर चहचहा कुछ कहती है 

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आज के लिए इतना ही
मिलते हैं अगले अंक में।

5 टिप्‍पणियां:

  1. जल का मूल्य सुनीता विलियम्स से जानिए
    एक चम्मच जल के लिए
    कई राहों से गुजरना होता है
    सुंदर अंक
    वंदन

    जवाब देंहटाएं
  2. धरती का 75 प्रतिशत भाग जल है
    सच ही तो है

    जवाब देंहटाएं
  3. सार्थक सच को व्यक्त करती प्रभावी भूमिका के साथ
    बहुत सुंदर सूत्र संयोजन के लिए साधुवाद

    सम्मलित रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. प्रिय श्वेता,
    सुंदर एवं सुग्राह्य रचनाओं का संकलन लाने हेतु बधाई.
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए सस्नेह धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  5. कल के अंक में आदरणीय रवींद्र जी की ब्लॉग लेखकों की निष्क्रियता पर खिन्नता एवं निराशा नजर आई.
    हमारे यहाँ दसवीं कक्षा में अंग्रेजी भाषा विषय में लेखन कौशल्य में अब ब्लॉग राइटिंग को शामिल किया गया है .
    उम्मीद है कि आगे हिंदी भाषा में भी इसे पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा. नए बच्चों को ब्लॉग लेखन से परिचित कराया जाना चाहिए.

    जवाब देंहटाएं

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