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गुरुवार, 13 मार्च 2025

4426...तुम होली नहीं खेलना चाहो, तो न सही, कम-से-कम आ तो जाओ...

शीर्षक पंक्ति:आदरणीय ओंकार जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

होलिका उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ।

होली जैसे पवित्र त्योहार को 

विवादों, 

विद्रूपताओं 

और संकीर्णता से बचाएँ,

बसंत-पतझड़ के मौसम में 

दिल खोलकर खेलें होली,

खाएँ गुझिया और रंग-अबीर लगाएँ।

-रवीन्द्र     

चित्र साभार:गूगल 

गुरुवारीय अंक में आज पढ़िए पाँच पसंदीदा रचनाएँ-

"देखिये तमाशा होली का" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

डाली-डाली है गदराई,

बागों में छाई अमराई,

गुलशन में कलियाँ मुस्काई,

रंग-बिरंगी तितली आई,

कानों को अच्छा लगता सुर,

कोयलिया की बोली का।

देख तमाशा होली का।।

*****

होली की आहट

तुम होली नहीं खेलना चाहो,

तो न सही,

कम-से-कम आ तो जाओ,

रंगत आ जाएगी कई चेहरों पर

तुम्हारे आने-भर से।

*****

शाश्वत सत्य--

चिर बंदी
होना चाहे
सदियों
का
बंजारापन तुम्हारे वक्षःस्थल के
अंदर,

*****

हिंसक पर विश्वास नहीं

नजर घुमाई  इधर -उधर।

एक गीदड़ आया नज़र।।

पंडित जी ने उसे बुलाया।

सारी बातों को समझाया।।

बोला-गींदड़ विश्वास न होता।

पिंजरे में भी बाघ है होता।

शैतान बाघ ताव में आकर।

दिखाया पिंजरे में घुसकर।

कहा गीदड़ -पंडित जी से।

पिंजरा बंद होता है कैसे?

*****

तमिलनाडु के चुनाव का प्रस्थानबिंदु है 'भाषा' और 'परिसीमन' का मुद्दा

संसद में यह गतिरोध तब शुरू हुआ जब डीएमके की सांसद टी सुमति ने पूरक प्रश्न पूछते हुए दावा किया कि एनईपी के विरोध के कारण तमिलनाडु के लिए निर्धारित लगभग 2,000 करोड़ रुपये अन्य राज्यों को भेज दिए गए हैं। इसे सहकारी संघवाद के लिए मौत की घंटीबताते हुए सुमति ने पूछा कि क्या केंद्र स्कूली बच्चों की कीमत पर धनराशि का इस्तेमाल बदला लेनेके लिए कर रहा है?

*****

फिर मिलेंगे।

 रवीन्द्र सिंह यादव 

 

2 टिप्‍पणियां:

  1. तुम होली नहीं खेलना चाहो,
    तो न सही,
    कम-से-कम आ तो जाओ,
    सुंदर चयन
    होलिकोत्सव शुभ हो
    सादर वंदन

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति। आभार। होली की शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं

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