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शनिवार, 14 नवंबर 2020

1945... दीपोत्सव की हार्दिक बधाई

आरती के थाल में
अजान देती चौपाल मे
राहें रोशन करता हूँ
जगमग सांझे धरता हूँ
फूल सा खिल जाता हूँ



प्रज्ञा दीप सजाओ
श्री समृद्धि के स्वागत को
स्व सामर्थ्य जगाओ
दीपपर्व की मंगल वेला
सब सामोद मनाओ।


अमावास की यामिनी ने
किया सुश्रृंगार है
प्रज्ज्वलित मालिका है
उमंग अपार है।


जहां  नूतन बही खाते की शुरुआत हो,
जहां मंगल कार्य सर्वत्र प्रारम्भ हो जाते हों,
जहां  रचनात्मक कार्य होने लगते हों,
जहां प्रकृति आरोग्य का मौसम तैयार कर देती हो,

 दीपोत्सव 

 प्रत्येक मन

रहे प्रकाशमय

शुभ दीवाली ।जय हो !

><><><><><

पुनः भेंट होगी...

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3 टिप्‍पणियां:

  1. दीपोत्सव
    प्रज्ञा दीप सजाओ
    श्री समृद्धि के स्वागत को
    स्व सामर्थ्य जगाओ
    दीपपर्व की मंगल वेला
    सब सामोद मनाओ।
    सादर नमन..

    जवाब देंहटाएं
  2. सभी सुधीजनों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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