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बुधवार, 11 नवंबर 2020

1942...तमाम शहर के जुगनू हैं कैद में...

 ।। प्रातःवंदन ।।

"दूर क्षितिज पर सूरज चमका
सुब्‍ह खड़ी है आने को
धुंध हटेगी,धूप खिलेगी,
साल नया है छाने को,
प्रत्यंचा की टंकारों से सारी दुनिया गूँजेगी,
देश खड़ा अर्जुन बन कर गांडीव पे बाण चढ़ाने को..!!"
गौतम राजरिशी
पंच पर्व के संग, सामाजिक मर्यादा को मान
साकारात्मक आशा की रश्मियों के साथ आइए
अब नज़र डालें चुनिंदा लिंकों पर...✍️

❄️❄️





नींदों में मन स्वप्न दिखाता,
रंग-रूप-रस-गंध खान में 
निज आनंद छुपा रह जाता !

घूँट- घूँट भर तृप्त हो रहा
निकट समंदर बहता जाता
जाग-जाग कर फिर सो जाता
नींदों में मन स्वप्न दिखाता,
रंग-रूप-रस-गंध खान में 
निज आनंद छुपा रह जाता !
घूँट- घूँट भर तृप्त हो रहा
निकट समंदर बहता जाता....
❄️❄️



मैं खुश हूँ बहुत मेरे आंसुओं पर मत जाना 

ख़ुशी के आंसुओं की बात ही निराली है 

तब निकलते हैं जब ख़ुशी खुद बेकाबू है 

नाचूँ  झुमु गाऊं ख़ुशी से कुदुं क्या करूँ 

आज प्रातःकाल शुभकामनाओं के साथ ...

❄️❄️




अरे क्या हुआ? आज कौन सा बड़ा दिन है जो सब चर्चा किए जा रहे है। ओह! ट्रंप चुनाव हार गए और बाइडेन राष्ट्रपति बन गया अमेरिका का यही का? इसी की चर्चा हो रही है न! अरे नहीं भैया इसकी नहीं कुछ और ही बात हो रही है। इसकी चर्चा नहीं हो रही तब किसकी हो रही है?_सच मे भैया आपकी यादास बहुत ही कमजोर है जो प्रधानमंत्री के "नोटबंदी..

❄️❄️


चुनाव जायज़ है नहीं मनमानी
हर बार की यही है कहानी
फिर भी हारा हुआ हार न माने
कहे हुई है बड़ी छेड़खानी 
नादां की नहीं रवानी है ये
मौज नहीं आनी जानी है ये
कोई जीते कोई हार जाए
❄️❄️




गुलाम बन के रहोगे तो कुछ नहीं होगा
निज़ाम से जो डरोगे तो कुछ नहीं होगा
तमाम शहर के जुगनू हैं कैद में उनकी  
चराग़ छीन भी लोगे तो कुछ नहीं होगा
समूचा तंत्र है बहरा, सभी हैं जन गूंगे
जो आफताब भी होगे तो कुछ नहीं..
❄️❄️
।। इति शम ।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️

9 टिप्‍पणियां:

  1. उम्दा लिंक्स चयन
    सराहनीय प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन प्रस्तुति। मेरे ब्लॉग को स्थान के लिए आपका धन्यवाद एवं आभार।🌻
    शुभ प्रभात।

    जवाब देंहटाएं
  3. आने वाले ज्योतिपर्व की शुभकामनाएँ ! पठनीय रचनाओं का सुंदर संयोजन, आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति
    धनतेरस और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  5. Aapka bahut - bahut shukriya meri kriti ko yahan sabhi maharathiyon ke sang pesh karne ka. Aap sabhi ko deepawali ki hardhik shubhkamanayein - aabhari

    जवाब देंहटाएं

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