सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष
पूरे सप्ताह माया उत्साहित रहती है कि इसबार किस शब्द से माँ प्रस्तुति बनाएंगी.. उसके दिए शब्द को प्रयोग की हूँ..
ये कभी ना कर पाउँगा,
इसीलिए हे मानव
मैं तुम्हे शाष्टांग दंडवत
प्रणाम करता हूँ |
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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प्रणामाशीष
पूरे सप्ताह माया उत्साहित रहती है कि इसबार किस शब्द से माँ प्रस्तुति बनाएंगी.. उसके दिए शब्द को प्रयोग की हूँ..
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इसीलिए हे मानव
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शनादर👌
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंअभी शाम के छः बज रहे होंगे
यहां बिहार भी रंग बदलने की फिराक में है
अमेरिका के माफिक..
सम-सामयिक प्रस्तुति..
सादर नमन..
सस्नेहाशीष असीम शुभकामनाओं के संग छोटी बहना... 1 नवम्बर से समय बदल गया.. अभी सन्ध्या के 5:10 बज रहे हैं
हटाएंहमको भी प्रतीक्षा रहती है दी आपकी प्रस्तुति की।
जवाब देंहटाएं'गिरगिट' शब्द ही संपूर्ण अभिव्यक्ति है।
सदा की भाँति आपकी अनूठी प्रस्तुति।
प्रणाम दी
सादर।
बहुत बढ़िया.. गिरगिट शब्द पर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसादर
शुभ संध्या दीदी..
जवाब देंहटाएंआजकल जमाना गिरगिट का ही है
यूनीक प्रस्तुति..
सादर नमन..
बहुत खूब.. गिरगिट के रंग में रंगी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशनादार संकलन salman khan
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