जीत की नई कड़ी
हार आज बन गई
जो वजूद का हिस्सा हो उसके बिना चलना
ये वक्त की ही फितरत है , दवा बन कर भरपाई करना
यहाँ देखिए
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बेहतरीन प्रस्तुतिकरण
जवाब देंहटाएंआभार...
सादर..
सराहनीय प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंसाधुवाद
बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंबाढ़ की पीड़ा व्यक्त करती सार्थक भूमिका के साथ सराहनीय प्रस्तुति आदरणीय सर। मेरे सृजन को स्थान देने हेतु सादर आभार।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंHame apne sath lene ka shukriya
जवाब देंहटाएंVery good writing, very beautiful and accurate information you have given, hope you will continue to get the best articles in the same way. also read short story in hindi
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