रात 3.30 बजे मंगल की प्रस्तुति बनाई
उनकी पीछे पन्ने पलटने की आदत नहीं है
जैसी भी बनाई बढ़िया बनाई
सिंहनाद हो चुका है
आज का अंक वीररस से सजा
संगीत से भरा...
आदरणीय उर्मिला सिंह
सरहद .......
देश की सरहद...पावन धाम है
उसके कण कण में
भासितशहीदों की सांस है।।
देश प्रेम के अमृत का
जब योद्धाओं ने पान किया
अब संगीत में 'सरहद'
आदरणीय विश्वमोहन कुमार
आदरणीय भाई रवीन्द्र जी
फ़िल्म हक़ीक़त का अमर गाना-
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
ज़हर चुपके से दवा जान के खाया होगा
वतन पे जो फिदा होगा
अमर वो नौजवां होगा
आदरणीय रेणु
पंछी नदिया पवन
पिल्म रिफ्यूजी
आदरणीयसखी श्वेेेता सिन्हा
तेरी मिट्टी में मिल जावां
गुल बनके मैं खिल जावां
इतनी सी है दिल की आरजू
तेरी नदियों में बह जावां
तेरे खेतों में लहरावां
इतनी सी है दिल की आरजू
अन्य... संदेशे आते हैं
आदरणीय सुबोध सिन्हा
रचना एवं स्वर
पीयूष मिश्रा
मैं तो हूँ बैठा
ओ हुसना मेरी
यादों पुरानी में खोया
पल-पल को गिनता
पल-पल को चुनता
इति शुभम्
लहू में उबाल तो आ ही गया होगा
कल भाई रवीन्द्र जी आ रहे हैं
नया विषय लेकर
सादर
शानदार प्रस्तुति।सरहद की रक्षा के लिए जान गवाँने बालों की सुंदर गीतों से सजा।
जवाब देंहटाएंसस्नेहाशीष संग शुभकामनाएं छोटी बहना
जवाब देंहटाएंरोमांचक संग्रहनीय प्रस्तुतीकरण
साधुवाद
वीर रस से ओतप्रोत रचनाएँ आज के समय की मांग भी है बहुत सुन्दर शानदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंइस ओजमय अंक में मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
सभी रचनाकारों को बधाई इतने हृदय स्पर्शी काव्य सृजन के लिए ।
चलचित्रों के सभी देश भक्ति गीत सुनकर दिल में नया ओज संचार।
हमारे सैनिकों,सरहद ही नहीं देश के रक्षकों सलाम आप सभी को अंत:स्थल से ।
शानदार प्रस्तुति के लिए साधुवाद।
सादर
वाह!शानदार प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसुंदर ओज़, सोज़ से सजी प्रस्तुति।सभी चयनित रचनाकारों को बधाइयाँँ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसरहद विषय पर शानदार प्रस्तुति आदरणीय दीदी 👌👌👌👌। सरहदें मानव की अतिमहत्वकांक्षाओं की प्रतीक हैं। विस्तार की प्रबल इच्छा से ये सरहदें प्रायः रक्तरंजित हो जाती है जो बहुत दुखद हैं। साहिर की ये पंक्तियाँ कितनी सही हैं ------
जवाब देंहटाएंमालिक ने हर इंसान को इन्सान बनाया
हमने उसे हिंदू या मुसलमना बनाया
कुदरत ने तो बख़्शी थी हमें एक ही धरती
हमने कहीं भारत कहीं ईरान बनाया--
दुआ करें फिर से बटवारे की राजनीति ना हो, सरहदें न बटे, ना खून से लाल हों । सभी को शुभकामनायें और आभार। सादर 🙏🙏🌹🙏🙏
बहुत बहुत आभारी हूँ दी।
जवाब देंहटाएंविषय पर शानदार प्रस्तुति।
सभी गाने लाजवाब हैं।
मेरी रचना एवं मेरी पसंद के गीत शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार।
सादर।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति. आभार और बधाई!!!
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