निवेदन।


फ़ॉलोअर

बुधवार, 10 जून 2020

1790..अब हम ही अर्जुन है और हम ही कृष्ण की भूमिका में है..

।। उषा स्वस्ति ।।
अरुणोदय की पहली लाली इसको ही चूम निखर जाती
फिर संध्‍या की अंतिम लाली इस पर ही झूम बिखर जाती

इस धरती का हर लाल खुशी से
उदय-अस्‍त अपनाता है ।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है..!!
गोपालसिंह नेपाली

सुहानी भोर की अपेक्षाओं संग हम सभी निकल पड़े हैं क्योंकि वर्तमान परिस्थितियों में
 (अनलॉकडाउन के बाद ) अब हम ही अर्जुन है 
और हम ही कृष्ण की भूमिका में है, तो फिर समय न गवाते हुए बढ़ते हैं चुनिंदा लिंकों की ओर..✍
⚜️




घिर रहा तिमिर चहुँ ओर
है अवसान समीप

बंजर जमीनों पर
बोते रहे ताउम्र खोखले बीज
बेमानी गठरियाँ पोटलियाँ
ढोते रहे दुखते कन्धों पर..

⚜️

देश में फैली है एक महामारी,जिसका नाम है कोरोना
इस संकट से पार है अगर पाना, तो हाथ लगातार धोना।।
जरा ध्यान करों उन लोगों का भी, जो घर पर भी न रुक पाते हैं।...
⚜️



माना घर के लिए जंगल कटा।
मनीप्लांट मुस्करा रहा,
नीम रोया छटपटा।
घर के सपनों से कालिमा हटा,
भाग्य से पन्ना बदला दीमक चटा।
वर्षों से ढूँढ़ रही हूँ,
एक परिवार में एक अंश पर
सबका विचार सिमटा।
माना घर के लिए जंगल कटा
माया शनॉय श्रीवास्तव: :आइये एक बात बताती हूँ
ध्यान से सुनियेगा चेताती हूँ
खाती अंडा नहीं उबालती हूँ

⚜️




        तफ़तीश-अफ़सर को देखकर सबने अपने-अपने खिड़की-दरवाज़े बंद कर लिए। तरबूज़, ख़रबूज़ा और ककड़ी आवाज़ लगाकर बेचता एक ठेलेवाला आ गया।
⚜️


हाथ ही दर्द हो तो क्या कीजे।

           ....... राजनाथ सिंह जी

पंजे का यह रोग जिससे शहज़ादे कांग्रेस ग्रस्त हैं अभी अबूझ ही बना हुआ है। इस रोग के फैलने की वजह क्या हैं हेतुकी क्या है फिलाल अनुमेय ही है। कुछ एपिडिमीयालजी के माहिर इसे न्यूरो -डिजेनरेटिव रोग बतलाते है। यानी..

⚜️





नहीं किसी को क़रार मुमकिन, नहीं है कोई सवाब तौबा
अजब- ग़ज़ब है ये ज़िन्दगी है सभी का खाना ख़राब तौबा

निज़ाम उसका अलग-थलग है, हज़ार रोड़े लिए खड़ा है
कभी तो धरना, कभी है स्ट्राइक मिला है जब से ख़िताब तौबा..

⚜️
हम-क़दम का नया विषय
⚜️
।। इति शम ।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह ‘तृप्ति’...✍

6 टिप्‍पणियां:

  1. लाज़वाब भूमिका से निकलता उत्कृष्ट संकलन।

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन प्रस्तुति
    आभार
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  3. सराहनीय प्रस्तुतीकरण
    हार्दिक धन्यवाद लेख्य-मंजूषा ब्लॉग का लिंक चयन हेतु

    जवाब देंहटाएं
  4. सभी को शुभकामनाएँ...मेरी रचना चयन करने हेतु धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  5. अति सुंदर रचना प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...