सादर अभिवादन।
गुरुवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका कल ख़ारिज हो गई जिसमें माँग की गई थी कि 'भारत' को सिर्फ़ भारत के नाम से जाना जाय 'इंडिया' शब्द को हटा दिया जाय।
संविधान में उल्लेख है-
"इंडिया दैट इज़ भारत"
भारत को दुनिया हिंद, हिंदुस्तान और इंडिया (ग्रीक भाषा के शब्द इंडिका से व्युत्पन्न ) के नाम से आमतौर पर जानती है। कुछ और नाम भी हैं जो भारतीय साहित्य और वैदिक साहित्य में मिलते हैं-
भारतवर्ष,
आर्यावर्त,
भारतखण्ड,
जम्बूदीप,
हिमवर्ष,
अजनाभवर्ष आदि।
आइए आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-
माना कि विधाता से भूल हुई
तुम्हें बनाने में
लेकिन उस भूल को इस तरह
सरे आम उछालना ज़रूरी तो नहीं!
दस दिन बाद कालेज खुलना था, गयी भी, किन्तु हाकी मैच जीतने की ख़ुशी में बन्द था. कम्पनी बाग़ के रास्ते से बेरी बाग चली गयी. कम्पनी बाग़ बिल्कुल वैसा ही लगा जैसा उस समय से दस वर्ष पहले था, उसके बचपन की कितनी ही संध्याएं वहाँ गुजरी हैं. वहां एक छोटी लड़की से भेंट हुई, कितनी प्यारी और समझदार ! उस नन्ही बच्ची में सौंदर्य की सराहना करने की शक्ति है, हवा में भागते हवा से खेलते बोली, हम कबूतरों की तरह उड़ रहे हैं. वह नदी को सराह सकती थी, उसने ठंडी हवा और उसकी मित्रता को एक वाक्य कहा - तुम अच्छी लगती हो !
हर तरफ से अपना मन मार कर जब तक
जिंदगी जीती रही औरों के लिए
सबको खूब पसंद आया
"अच्छी बहू" का टैग भी लगाया
आधी से ज्यादा जिंदगी बिता कर
जब ख़ुद के लिए जीने की चाह जगी
तो किसी को अच्छा नहीं लगा
जब चुप ने शब्दों का साथ देना शुरू किया,
खुद के लिए बोलना शुरू किया
तो किसी को अच्छा न लगा
सुनो मनुष्य!
समरसता की आस में
थक चुकी रोष से भरी
प्रकृति के प्रतिकार का
क्षणांश नाद ही
महाविनाश की
मौन पदचाप,
दस्तक है।
प्रशांत ने कहा मेहनत और लगन ही सुपर पावर होती है। यह शक्ति इस लॉकेट में नहीं जबकि मेरे अंदर थी और मैं पहले नंबर पर आया यह एक चमत्कार है। मेरे दोस्त तू भी अपने अंदर की शक्ति को पहचान और चमत्कार देख, तू भी पहला नंबर आ सकता है।
*****
आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे अगली प्रस्तुति में।
रवीन्द्र सिंह यादव
बढ़िया प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई..
जवाब देंहटाएंबढिया प्रस्तुति।
व्वाहहहहहह...
जवाब देंहटाएंइण्डिया
इसका मतलब पहले समझना होगा
आदरणीय विभा दीदी बताएँगी
बेहतरीन प्रस्तुति
सादर..
पठनीय रचनाओं की खबर देते लिंक्स, आभार मुझे भी शामिल करने हेतु !
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक सूत्रों का संकलन आज की हलचल ! मेरी रचना को इसमें स्थान दिया आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रवीन्द्र जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंI:Indipanded
जवाब देंहटाएंN:Nation
D:Declared
I:In
A:August
शायद इस वजह से भारत नहीं हो पा रहा है..
आदरणीय विभा दीदी ज्यादा बताएंगी..
सादर..
बहुत बढियां रचना संग्रह, सुंदर प्रस्तुति
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