प्रणामाशीष
जब लॉकडाउन 14 अप्रैल तक के लिए घोषणा हुई तब दो-चार दिन के बाद ही मेरी एक बिटिया ने बताया था कि दूकान में उसके आगे खड़ी महिला 40 पीस साबुन के लिए जिद पर अड़ी हुई थी जबकि बन्द तो इक्कीस दिन का ही घोषित है.. दुकान में पैंतीस पीस ही बचा हुआ था उतना ही वो लेकर चलती बनी। जमाखोरी कालाबाज़ारी से बाहर आयेंगे.. और गुनगुनायेंगे
गज़ल
बन्धु समझकर सबको सबसे सद्व्यवहार करें,
भक्ति-भाव से सब धर्मों का हम सम्मान करें|
मन के सारे भेद मिटाकर सबसे प्यार करें,
‘यहाँ सभी हैं एक’ मन्त्र का हम उच्चार करें |
रहे न कोई दुश्मन मन में ऐसा भाव रहे,
लगन और मेहनत से हम सब सारे काम करें|
गज़ल
शहरों की चकाचौंध से आकर्षित होकर या रोजगार की
तलाश में गांवों से शहरों की पलायन करने वाले लोगों के
जीवन की त्रासदी को कुंअर बेचैन इसप्रकार व्यक्त करते है –
‘हम इतनी करके मेहनत शहर में फुटपाथ पर सोये
ये मेहनत गाँव में करते तो अपना घर बना लेते’
ज्ञान प्रकाश विवेक उनके वजूद को महज इश्तहार से अधिक नहीं मानते हैं –
‘सियासी शहर में तू आ गया है तो सुन ले
वजूद तेरा यहाँ इश्तहार–सा होगा।’
गज़ल
है चमकती धूप और , है यहाँ दिलकश समां ,
दुआओं से है रोज़ सँवरी , जाये मेरी ज़िन्दगी !
चाँद भी तारे भी हैं , और चाँदनी मदहोश है ,
रात को इक जश्न सा , मनाये मेरी ज़िन्दगी !
गज़ल
मैंने क्या कहा और तुमने क्या सुना
अब हमें कोई ऐतराज़ नहीं होता
बेगानों का हमसे लिहाज नहीं होता
गरीब की भी कोई हैसीयत न होती
सामने अगर गरीब नवाज़ नहीं होता
दिल सदा मेहमान नवाज़ नहीं होता
गज़ल
प्राची डिजिटल पब्लिकेशन के डायरेक्टर राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया
कि डा. चन्द्रभाल सुकुमार का यह गज़ल संग्रह बहुत ही शानदार है,
जो पाठकों को बहुत ही पसंद आयेगा। उन्होने कहा कि
डा. सुकुमार जी का गज़ल के क्षेत्र में अुतलनीय योगदान है।
जिसका कोई मूल्य नहीं लगाया जा सकता है। उन्होने कहा कि
इस पुस्तक को अमेजन, फिल्पकार्ट व स्नेपडील पर डिस्काउंट के
साथ आर्डर की जा सकती है। डा. चन्द्रभाल सुकुमार की अब तक
लगभग 2 दर्जन से अधिक गज़ल संग्रह प्रकाशत हो चुके है।
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फिर मिलेंगे
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सुनाते हैं
विषय क्रमाक 116
फिल्मी ग़ज़ल
नमूना ग़ज़ल
चौदहवीं का चाँद या आफ़ताब हो
ख़ुदा की कसम लाज़वाब हो
आपको सिर्फ अपनी पसंदीदा ग़ज़ल के बोल और
फिल्म का नाम लिखना है
अंतिम तिथिः 18 अप्रैल 2020
प्रकाशन तिथिः 20 अप्रैल 2020
प्रेषण माध्यम ब्लॉग संपर्क फार्म
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आदरणीय दीदी
जवाब देंहटाएंसादर नमन
हमेशा की तरह बेहतरीन
सादर
जी प्रणाम दी,
जवाब देंहटाएंआज का संग्रह लाज़वाब है सभी सूत्र बहुत अच्छे हैं।
हमेशा की तरह बेहतरीन संकलन।
अच्छी पहल हलचल में
जवाब देंहटाएंसदा की तरह बेमिसाल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसादर नमन...
बहुत अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति।
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