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गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

1735...चिताएँ जल रहीं हैं अंत्येष्टि संस्कार की रस्में तोड़कर...


 सादर अभिवादन। 
चिताएँ जल रहीं हैं 
अंत्येष्टि संस्कार की 
रस्में तोड़कर
करोना महामारी 
कैसा वक़्त लाई 
अंतिम समय में 
लोग चल दिए 
मुँह मोड़कर!
सुना,देखा,पढ़ने में 
बार-बार आया  है 
देश में कहीं-कहीं 
मुसलमान बंधुओं ने 
हिंदुओं का 
अंतिम संस्कार कराया है
पक्षपाती मीडिया ने 
ऐसी ख़बरों को 
बेशर्मी से छिपाया है।  

-रवीन्द्र 


आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-  


 
 घर में रह कर
 वृद्धों की देख रेख करना
सामाजिक अंतर रख कर 
मुंह को मास्क से ढक कर
 बारम्बार हस्त  धो कर
 महामारी से बचे रहना


 
काल रूप ये रोग देकर
शाप धरा का लगा भयंकर
कैसे यह विपदा टले
बाल किलकारी से सृष्टि हँसे
गलियों में मच जाए हलचल 
मानव भय मुक्त हो जी उठे


 समेट लेंगे 
अपनों के सारे दर्द 
प्रवाहित करेंगे 
अपनों में ख़ुशियाँ 



 

असमंजस की स्थिति तब भी हो जाती है जब किसी बड़े पद पर बैठे मंत्री का निधन हो जाए और उस दिन सार्वजानिक छुट्टी बिना एक्ट के डिक्लेअर हो जाए. अगर एक्ट के अंतर्गत भी हो तो शाखा को समेटने में एक दो घंटे लग ही जाते हैं



एक देश की अपनी सीमाओं के भीतर की सुरक्षा आंतरिक सुरक्षा है देश अपने अधिकार क्षेत्र में शांति कानून व्यवस्था तथा देश की प्रभुसत्ता को सुनिश्चित करता है आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस एवं सहयोगी रूप में राष्ट्रीय शासक बलों की होती है साथ ही गृह मंत्रालय आंतरिक मामलों का मंत्रालय होता है आंतरिक सुरक्षा के कुछ अवयव निम्न हैं-1) देश में आंतरिक शांति स्थापना2) कानून व्यवस्था बनाए रखना, 3) देश की सीमाओं की अखंडता एवं आंतरिक प्रभुसत्ता का संरक्षण4) संविधान का पालन5) शांतिपूर्ण सह अस्तित्व सांप्रदायिक सद्भाव6) विधि का कानून और कानून के समक्ष एकरूपता स्वत...


इस सप्ताह का विषय
यहाँ देखिए



आज बस यहीं तक 
फिर मिलेंगे आगामी गुरूवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

10 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए सूचना के लिए आभार सर |आज की सभी रचनाएं समसामयिक |उम्दा संकलन |


    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन प्रस्तुति
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. भयावह स्थिति है मन व्यथित तथा अवसाद ग्रस्त हो रहा है अतः अब हमारा दायित्व बन रहा है कि कुछ बातें नई हो

    सराहनीय प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह!रविन्द्र जी ,उम्दा प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  5. सभी रचनाकारों को बधाई. "बैंक में छुट्टी कब होती है" शामिल करने के लिए धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत अच्छी सामयिक चिंतन प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत शानदार प्रस्तुति सामायिक भूमिका
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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