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पम्मी सिंह की माताश्री
स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं
पम्मी जी उनके साथ हैं
ईश्वर उन्हें शीघ्रातिशीघ्र स्वस्थ करें
यही कामना
सादर
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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मेरी लेखनी की कुछ पुरानी नयी भूली-बिसरी कतरनोंं को मंच पर सजाकर मान देने के लिए बहुत आभारी हूँ आदरणीय सर।
जवाब देंहटाएंसादर शुक्रिया।
सुंदर सार्थक अंक आदरणीय भैया। प्रिय श्वेता की रचनाओं के वृहद रचना संसार से भावों के ये मुक्तक चुनना बहुत ही मुश्किल का रहा होगा निश्चित रूप से। ब्लॉग पर सब कुछ सार्थक, निरर्थक कुछ भी नहीं। आज का ये अंक पुरानी यादो को ताजा कर गया। कोटि आभार इस भावपूर्ण अंक के लिए।
जवाब देंहटाएंप्रिय पम्मी जी की माता जी के अति शीघ्र लाभ की कामना करती हूँ। सादर🙏🙏🙏
आपका स्नेहाशीष अनमोल है दी।
हटाएंधन्यवाद शुक्रिया बहुत बहुत आभार दी।
सादर।
सस्नेह।
प्रिय श्वेता, तुम्हारी नई रचनाओं के साथ पुरानी रचनाओं का अवलोकन मन को आनंद से भर गया । गीत , ग़ज़ल, छंद , देश भक्ति गीत , तुकांत, अतुकांत सब में तुम पर माँ सरस्वती की अपार अनुकम्पा हुई है।। अपनी कहूँ तो मुझे तुम्हारे गीत बहुत पसंद हैं। यूँ ही अपने लेखन से विस्मित करती हुई आगे बढ़ यश बटोरती रहो मेरी यही कामना है। सस्नेह शुभकामनायें और बधाई इस विशेष प्रस्तुति के लिए जो तुम्हारे यश को नये आयाम दे रही है🌹🌹🌹💐💐💐
जवाब देंहटाएंजी दी आपका निश्छल प्रेम पाकर लेखनी को नयी ऊर्जा मिली आपके स्नेहाशीष की सदैव आकांक्षी हूँ।
हटाएंसादर..सस्नेह।🙏🙏
सारी रचना सुंदर है.. विभिन्न विषयों पर उम्दा भावाभिव्यक्ति के लिए साधुवाद
जवाब देंहटाएंपम्मी सिंह जी की माताश्री के लिए जल्द-से-जल्द स्वस्थ हो जाने की दुआ
सराहनीय प्रस्तुतीकरण
आभारी हूँ दी आपका आशीष पाना सदैंव विशेफ है।
हटाएंसादर शुक्रिया
प्रणाम दी।
निराश .. ग़म ..
जवाब देंहटाएं" जिनकी ख़्वाहिश में गुमगश्ता हुये
उस राजा की कोई और रानी है "
" और आशा .. उमंग ..
चलो बटोरकर तिनकों को
फिर से एक नई उड़ान भरें "
के साथ-साथ क़ुदरती एक ही खान से निकले इंद्रधनुषी अनमोल रत्नों की प्रदर्शनी वाला किसी कक्ष-सी आज की प्रस्तुति के लिए दिग्विजय जी को साधुवाद ...
साथ ही पम्मी जी की माता जी के साथ क़ुदरत के सकारात्मक होने की कामना ...
मेरी रचनाओं पर आपकी विस्तृत विश्लेषणात्मक प्रतिक्रिया सदैव मुझे विशिष्टता की अनुभूति कराती रही है। आपका स्नेहाशीष लेखनी में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करती है।
हटाएंबहुत बहुत धन्यवाद, शुक्रिया।
बहुत आभारी हूँ।
सुन्दर संकलन
जवाब देंहटाएंजी आभारी हूँँ सर।
हटाएंसादर।
वाह!!बहुत सुंदर संकलन 👌👌श्वेता जी की कविता रूपी माला में से अनमोल मोतीयों से सजा ये आज का अंक सच में लाजवाब है ।
जवाब देंहटाएंआपकी उत्साहवर्धक सुंदर प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार दी बहुत शुक्रिया।
हटाएंसस्नेह।
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजी बहुत बहुत आभारी हूँ सादर।
हटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजी बहुत-बहुत आभारी हूँ।
हटाएंशुक्रिया
सादर।
बहुत ही सुंदर !
जवाब देंहटाएंश्वेता जी को शुभकामनाएं
जी आभारी हूँ सर।
हटाएंबहुत शुक्रिया।
सादर।
श्वेता जी की कविताएँ अहसासों का अनहद आह्लाद हैं जिसके शब्द-शब्द आस की आग सुलगाते हैं। पम्मी जी की माता जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाएं और इस सुंदर संकलन के सूत्रधार के प्रति अप्रतिम आभार।
जवाब देंहटाएंआदरणीय विश्वमोहन जी आपका आशीष पाकर अनुगृहीत हुये हम।
हटाएंबहुत धन्यवाद आभार।
बहुत बहुत शुक्रिया।
सादर।
पाँँच लिंको के आनन्द में आज तो आनन्द ही आनन्द की हलचल मची है आखिर श्वेता जी की
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचनाएं जो सजी हैं
अद्भुत प्रतीक एवं विम्ब और शब्दसंयोजन का तो कहना ही क्या!!!!
साधुवाद आपको और आपकी लेखनी को एवं अनन्त शुभकामनाएं।
पम्मी जी की माता जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करते हैं।
आपकी स्नेहिल सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण प्रतिक्रिया पाकर मन मुदित हो गया सुधा जी।
हटाएंमेरी अनगढ़ कृतियों को आपने जो मान दिया उसके लिए बहुत-बहुत आभारी हूँ।
शुक्रिया सस्नेह।
बहुत सुंदर विशेष प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंआप सभी की स्नेहिल संवेदनशील प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार..🙏
आभारी हूँ..पम्मी दी।
हटाएंआँटी जी अतिशीघ्र स्वस्थ हो यही कमना करती हूँ।
क़ाबिल-ए-तारीफ़ सकारात्मकता से ओतप्रोत सृजन जिसमें जीवन की विभिन्न रंग,आयाम,पहलू और परिस्थितियों को क़रीने से सजाया गया है। श्वेता जी की रचनाएँ जहाँ एक ओर प्रकृति में निहित सौंदर्य के ज़रिये मानव मन को स्निग्धता प्रदान करतीं है तो दूसरी ओर आत्मबोध के सूक्ष्म तत्त्वों की पड़ताल करतीं हुईं सफलतापूर्वक यथार्थ से जोड़तीं हैं।
जवाब देंहटाएंआदरणीय दिग्विजय भाई साहब की शानदार प्रस्तुति के लिए बधाई एवं श्वेता जी को सार्थक,सटीक चिंतन से लबरेज़ सृजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ। सृजन का सफ़र जारी रहे।
आदरणीया पम्मी जी की माताजी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना।
मेरी रचनाओं पर सुंदर विश्लेषणात्मक प्रतिक्रिया सदैव नवीन वैचारिकी मंथन के लिए प्रेरित करती रही है। आपने बहुत मार्गदर्शन किया है आदरणीय रवींद्र जी, मेरी रचना की मात्रिक एवं व्याकरण संबधी त्रुटियों को परिमार्जित करने में सहायता की उसके लिए आपके सदैव ऋणी रहेंगे।
हटाएंआपका आशीष और आपकी शुभकामनाओं के लिए बहुत-बहुत आभारी हूँ।
शुक्रिया।
सादर।