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शुक्रवार, 24 अगस्त 2018

1134....विपरीत परिस्थितियों का धैर्य

विपरीत परिस्थितियों का जो धैर्य के साथ सामना करते हैं वह 
जीवन में सदा सफलता पाते हैं।

उपर्युक्त कथन की प्रमाणिकता साबित किया है 10 वर्षीय 
बच्ची जेन सदावर्ते ने।
23 अगस्त की सुबह 8:30 बजे मुबंई के परली इलाके में एक 17 मंजिला रिहाइशी  इमारत क्रिस्टल टावर में अचानक आग लग गयी। पूरे इमारत में अफरा-तफरी मच गयी लोग घबरा गये ऐसी घड़ी में 
जेन ने बड़ी बहादुरी और बुद्धिमत्ता से न केवल अपनी बल्कि अपने 
फ्लोर पर मौजूद 13 लोगों की मदद की। उसने अपने स्कूल में सिखाये गये फॉयर सेफ्टी के सबक को बखूबी याद रखा और प्रायोगिक 
तौर पर इस्तेमाल भी किया।
सबसे पहले उसने सबको न घबराने और धैर्य रखने का हौसला दिया 
फिर कॉटन के कपड़े को फाड़कर पानी में भिगोकर उससे 
सभी के नाक और मुँह को
 ढकने को कहा, उसके इस उपाय से धुँए में मौजूद 
कार्बन डॉय ऑक्साइड साँस के साथ भीतर नहीं गया 
और एक एयर प्यूरीफायर की तरह काम किया।
 फिर सबको रुम से गैलरी में ले आई थोड़ी देर बाद 
फॉयर फाइटर्स ने सभी को सुरक्षित नीचे उतार लिया।
 हालाँकि, इस हादसे में 4 लोग मारे गये और 21 लोग हॉस्पिटल में हैं। 
 हादसे के बाद इमारत में सुरक्षा संबंधी नियमों का आकलन,अनेक 
प्रकार की पाबंदी का जिक्र को लेकर बातें और सिर्फ़ बातें जैसा कि हमेशा होता आया है वही हो रहा है। पर, जिन परिस्थितियों में लोग 
अपना आपा खो देते है उन हालात में जेन की बुद्धिमत्ता 
और साहस सराहनीय और अनुकरणीय है।

सादर नमस्कार
चलिए आज की रचनाओं का आनंद लेते हैं
आदरणीय गौतम ऋषिराज जी

आज शब्द साथ नहीं दे रहे, डियर डायरी | जाने कैसे-कैसे अनर्गल से आलाप उठ रहे हैं सीने की तलहट्टियों में से | बाबुषा कोहली की एक कविता का अंश इन दहकते आलापों पर भीगी पट्टियां रखता है देर रात गए इस सुलगते बर्फ़ीले पहाड़ पर | सुनो डायरी मेरी :-

★★★★★

आदरणीया डॉ.अपर्णा त्रिपाठी जी


जिधर भी देखा उधर मुखौटे ही मिले
एक मुद्दत से हमने चेहरा नही देखा

तालियों की गडगडाहटें बता देती हैं
खुशी का मंजर है या खुशामद का हुजूम
★★★★★
आदरणीय पुरुषोत्तम सिन्हा जी

संज्ञा-शून्य सा अब हो चला है ये दिल,
विरानियों में ही रमा है ये दिल,
न गम है, न ही है अब इसे विषाद,
विषाद ही गर इसे मिल जाता,
ये दिल! शायद फिर धड़क जाता!
★★★★★
आदरणीया अनिता जी

तुझसे हृदय की धड़कनें
मृत्यु है तेरी गोद में,
श्रद्धासबूरीअर्चना,
नव चेतना हर शब्द में !
★★★★★
आदरणीय पंकज प्रियम् जी

पेट पीठ सटे
अंतड़ियों को 
जब दिखलाता है।
सच कहूँ तब 
लफ्ज़ निःशब्द हो जाता है

★★★★★
आदरणीया अनिता सैनी जी
वेदना

सजदे  न  करेंगे  उनकी   यादों   के
लफ़्ज़ों  से   यहीं   दुआ करतें  मिले
टूटे    दिल  कि  दरारों   में  झांकता
उनकी    यादों   का   कारवां   मिला।




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हमक़दम के विषय के संबंध में

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18 टिप्‍पणियां:

  1. जेन सदावर्ते सदा जीवन में कामयाब , स्वस्थ्य और दीर्घायु रहे

    उम्दा प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  2. बालिका के ज़ज़्बे को नमन
    इस समाचार को लगभग सभी ने
    पढ़ लिया था अखबार में
    विस्तारित किया आपने
    सलाम आपको....
    शुभकामनाएँ...अपके क़दम अब
    पत्रकारिता की ओर बढ़ते से लगते है
    सटीक रचनाओं का चयन
    सादर शुभ प्रभात

    जवाब देंहटाएं
  3. अगर पढ़ने का काम होता है आपसे तो डॉ अर्पणा त्रिपाठी जी की रचना "कुछ यूँ ही" सभी को जरूर पढ़नी चाहिए जो सुपर्ब रचना है।
    "32 साल बहुत से सवालों की उम्र होती है" गौतम जी के लेख से पता चला कि सेनाओं पर इतना रुपया खर्च होता दिखाया जाता है फिर भी सेनाओं के पास अपडेटेड हेलीकॉप्टर भी नहीं है फिर भी जवानों के हौसले बुलंद और जान जोख़िम में।

    बाकी के लिंक्स भी चुनींदा थे।
    🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. आज की भूमिका में बच्ची "जेन" की बहादुरी का किस्सा भी शानदार तरीके से लिखा गया।
    बहुत अच्छा लगा

    जवाब देंहटाएं
  5. जेन सदावर्ते की सूझबूझ ने हमें सबक़ दिया है कि संकटकालीन परिस्थितियों में धैर्य बनाये रखना कितना ज़रूरी है. ईश्वर उसे लम्बी उम्र दे.
    विचारणीय रचनाओं से सजा सुन्दर अंक. आदरणीया श्वेता जी को बधाई.
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  6. जेन सदावर्ते को नन्ही सी उम्र में इस धैर्य और बहादुरी के लिए बधाई, पठनीय सूत्रों से सजा है आज का अंक, आभार !

    जवाब देंहटाएं
  7. छोटीसी उम्र में धैर्य और बहादुरी का पाठ पढ़ा गई बहुत बढिया
    विचारणीय रचनाओं से सजा अंक ..श्वेता जी को बधाई.
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  8. सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई छोटी बालिका ने बताया दिया हौंसले बुलंद हो
    बड़ी से बड़ी मुश्किल से भी बचकर निकल सकते हैं

    जवाब देंहटाएं
  9. नन्ही वीरांगना को नमन 🙏....वाह!!श्वेता ,बहुत खूबसूरत प्रस्तुति । सभी रचनाकारों को हार्दिक अभिनंदन ।

    जवाब देंहटाएं
  10. बालिका की बुद्धिमता और जज्बे को सलाम
    बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति सभी चयनित रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  11. ऐसी बहादुर बच्चियों को ब्लॉग, इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया को फोकस में रखना चाहिए, इनका उत्साहवर्धन करना चाहिए। आपने आज ब्लॉग पर इसकी बुद्धिमता भरे कार्यों का बिल्कुल सजीव चित्रण किया है।

    जवाब देंहटाएं
  12. प्रिय श्वेता -- आज की भूमिका में बालिका जेन के तत्काल बुद्धि- कौशल के बारे में जाना | सच कहूं तो मैं बिलकुल अनजान थी इस प्रसंग से | बच्ची अब भारत की बेटी है इतने लोग जो उसके बुद्धि कौशल के मुरीद हो गये | नन्ही बालिका ने ईश्वर रूप में कई लोगों को जीवन दान दिया ,उसके लिए उसे प्रशंसा तो मिलनी ही चाहिए सरकार द्वारा विशेष प्रोत्साहन ही दिया जाना चाहिए | इस विलक्षण बालिका के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनायें | आज के लिंक भी हमेशा की तरह बहुत उम्दा हैं | गौतम राज ऋषि की लेखनी कमाल है | सैनिक जीवन को परिभाषित करने वे बेजोड़ हैं | उनकी लेखनी को नमन | सभी रचनाकारों को मेरी बधाई और आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं और साथ में मेरा प्यार |

    जवाब देंहटाएं
  13. सुन्दर 👌👌👌 सभी रचनाकारों को मेरी बधाई

    जवाब देंहटाएं
  14. समसामयिक विशेष घटनाओं को सुंदर भुमिका मे बांधकर, बालिका का अतुलनीय साहस और तुरंत बुद्धि का अद्भुत समायोग, देवदूत सा सराहनीय कृत, सभी बडी तारतम्यता से प्रस्तुत किया आपने ।

    सराहनीय अंक सराहनीय रचनाओं का संगम ,सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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