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रविवार, 26 नवंबर 2017

863....दिल खींचने के नजारे भी बहुत थे

सादर अभिवादन...
है तो रविवार आज..
दिन भी है छुट्टी का
होने के बाद भी छुट्टी
नहीं न है छुट्टी..
ढेरों काम हैं लम्बित..
पर आज रविवार नहीं है..
शनि का शाम से..... रवि की 

तैय्यारी हो रही है...
   नव प्रवेश त्रय  

मां बनने का अहसास......प्रियंका "श्री"
जब लिया था गोद मे
पहली बार तुम्हे
खुद से ही डर गई थी मैं
डर था । न कोई
तकलीफ दे दु तुम्हे
आख़िर मां जो बन गयी थी मैं।।

हारे भी बहुत थे...शकुन्तला शाकु
गर हौसला होता तो किनारे भी बहुत थे
तूफान में तिनके के सहारे भी बहुत थे

ये बात अलग है कि तबज्जो न दी हमने
दिल खींचने के नजारे भी बहुत थे
कोशिश कर रहा हूँ मैं....मीना गुलियानी
तेरे साथ मेरे हमदम हमेशा रहा हूँ मैं
मुझे जिस तरह से चाहा वैसा रहा हूँ मैं

तेरे सर पे धूप आई तो मैं पेड़ बन गया
तेरी जिंदगी में कोई वजह रहा हूँ मैं

.....



पूजा से पावन....महेन्द्र वर्मा
जाने -पहचाने  बरसों के  फिर  भी   वे अनजान लगे,
महफ़िल सजी हुई है लेकिन सहरा सा सुनसान लगे ।

इक दिन मैंने अपने ‘मैं’ को अलग कर दिया था ख़ुद से,
अब जीवन  की  हर  कठिनाई  जाने क्यों आसान लगे ।


ठंडी का मौसम आया...कुलदीप कुमार
चलो बैठते हैं आग के किनारे | 
कोहरा भी होता है इस दिन,
देख कर चलो भईया नहीं तो 
भिड़ोगे  किसी दिन ||



आ जाऊँगा मैं.....पुरुषोत्तम सिन्हा
भीग रही हो जब बोझिल सी पलकें,
विरह के आँसू बरबस आँचल पे आ ढलके,
हृदय कंपित हो जब गम में जोरों से,
तुम टूटकर न बिखरना, याद मुझे फिर कर लेना,
पलकों से मोती चुन लेने को आ जाऊँगा मैं

आज बस..
आज्ञा दें
यशोदा ..









13 टिप्‍पणियां:

  1. ढ़ेरों आशीष व अक्षय शुभकामनाओं संग शुभ दिवस छोटी बहना
    हर रंग के लिंक्स चयन से गुलदस्ता सा प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  2. रविवारसीय अंक विविधतापूर्ण संकलन हेतु धन्यवाद सुप्रभात।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात दी:)
    आज के अंक में नवोदित परिचय विशेष है।
    बहुत सुंदर विविधतापूर्ण रचनाओं का संकलन बहुत अच्छा लगा। सभी रचनाकारों हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात दी,
    हर रंग का चयन किया आपने,एक तो रविवार और ठंडी हवाओं का शोर और आपके द्वारा संकलित की गई आज की विविध रचनाओं का रस्वादन अलग ही अनुभूति प्रदान कर रही है... शुभकामनाएं सभी चयनित रचनाकारों को एवं शुभदिवस ...!!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर निखरी हुई प्रस्तुति उम्दा सूत्रों के साथ।

    जवाब देंहटाएं
  6. महिला रचनाकारों का योगदान हिंदी ब्लॉगिंग जगत में कितना महत्वपूर्ण है ? यह आपको तय करना है ! आपके विचार इन सशक्त रचनाकारों के लिए उतना ही महत्व रखते हैं जितना देश के लिए लोकतंत्रात्मक प्रणाली। आप सब का हृदय से स्वागत है इन महिला रचनाकारों के सृजनात्मक मेले में। सोमवार २७ नवंबर २०१७ को ''पांच लिंकों का आनंद'' परिवार आपको आमंत्रित करता है। ................. http://halchalwith5links.blogspot.com आपके प्रतीक्षा में ! "एकलव्य"

    जवाब देंहटाएं
  7. आभार यशोदा जी, मेरी रचना को ‘हलचल’ में स्थान प्रदान करने हेतु ।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत बहुत धन्यवाद यशोदा जी मेरी रचना 'हारे भी बहुत थे'को 'हलचल' में स्थान प्रदान करने के लिए सदा आभारी रहूँगी

    जवाब देंहटाएं
  9. कुछ नये कुछ पुराने पर सभी के सभी बहुत सुहाने....
    शानदार प्रस्तुति सभी चयनित रचनाकारों को बधाई और शुभकामनाये...

    जवाब देंहटाएं
  10. उम्दा लिंक संकलन एवं बेहतरीन प्रस्तुतिकरण...

    जवाब देंहटाएं
  11. वाह! सुंदर सरस रविवारीय अंक। निरंतर नए रचनाकारों का परिचय इस मंच पर सुखद अनुभव है। ऐसा अंक में चयनित सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं। आभार सादर।

    जवाब देंहटाएं
  12. ध्रुव जी आजकल नए प्रयोग कर रहे हैं। उनका कल आने वाला अंक 1 विशेषांक है। आप सभी का स्वागत है कल के विशेषांक में अपना विचार रखने के लिए और रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए। सादर

    जवाब देंहटाएं

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