निवेदन।


फ़ॉलोअर

शनिवार, 25 नवंबर 2017

862.... हाइकु



सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष
लेखन से कभी वास्ता नहीं रहा
ना वैसे माहौल में रही
ब्लॉग की दुनिया में आई तो
पढ़ने के शौक ने लेखन की तरफ खिंच लिया
लिखना तो चाहती हूँ बड़ी बड़ी रचनाएँ
लेकिन आकर्षित करती है छोटकी-छोटकी रचनाएँ
जैसे लघुकथाएं और

अनुवादक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" 

ओड़िया अनुवाद :

पुरुणा पोखरी
बेंगुलि गला दउड़ि
छपाक. स्वर ।


पूछती रही
मानवता का पता
व्याकुल नदी !



रँग रही हैं
बादलों की कूँचियाँ 
सपने मेरे 
-मिथिलेश बड़गेनियाँ


हाथ – हाथ में
बात – बात में खिले
मैं और तुम।




04 दिसंबर 2017 101 वें वर्ष में 13वां हाइकु - दिवस 
आप भी अपने स्तर से मनाएं और तस्वीर मुझे भेजने का कष्ट करें
09 दिसंबर के पोस्ट में संकलित करूंगी
सादर


><><
फिर मिलेंगे




15 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात दीदी
    सादर नमनम
    सदा की तरह
    पर आज
    त्रिपदी हाईकू
    रंग नया
    सादर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. ढ़ेरों आशीष व अक्षय शुभकामनाओं के संग आभार रंग चढ़ाने के लिए

      हटाएं
  2. बहुत बढ़िया। हर चिट्ठाकार का अपना अलग अन्दाज ही हलचल को अलग अलग रंग देता है।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर संकलन । सभी रचनाकारों की बेहतरीन रचनाओं का समावेश किया गया है ।

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह!हाइकु ..सुंंदर संकलन, सभी रचनाकारों को बधाई
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर
    अनूठा संकलन
    सभी रचनायें उम्दा

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही खूबसूरत संकलन ।
    सभी रचनाएँ सुंदर ,वाह!!!

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बढ़िया संकलन। सुंदर हायकू का संसार चहक उठा। सुंदर अंक

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीया विभा दी,
    हायकु संबधित आज का अंक विशेष लगा।
    दी सच में आपकी विशेषता है ऐसी प्रस्तुति।
    आभार दी,सुंदर रचनाओं के लिए।

    जवाब देंहटाएं
  9. आदरणीय विभा दी -- हाइकू विधा की अलबेली रचनाएँ पढ़कर असीम आनंद हुआ | हिंदी में भी विधा क्षणिका यही है बस मुझे लगता है नाम बदल गया है | सफल संकलन बहुत बधाई !!!!!!!!!

    जवाब देंहटाएं
  10. जापानी कविता शैली लोकप्रिय होते-होते भारत में भी अपने पांव जमा चुकी है हाइकु के माध्यम से। हाइकु में केवल 17 वर्ण होते हैं
    पहली पंक्ति में 5 वर्ण, दूसरी पंक्ति में 7 वर्ण और अंतिम पंक्ति में 5 वर्ण। अत्यंत प्रभावकारी प्रस्तुति आदरणीय दीदी सादर नमन। समयाभाव के कारण कल उपस्थित नहीं हो सका प्रतिक्रिया के लिए। आभार सादर।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...