।। उषा स्वस्ति।।
आज नवम्बर महीने का पहला दिन और हफ्ते का तीसरा दिन
यानि बुधवार है
आप सभी पाठकगन यही सोच रहे होगें इसमें
नई बात क्या है?
दिनांकः को उल्लेख करने का तात्पर्य यह कि
'' समय और साहित्य ''
किसी का इंतजार नहीं करते कभी- कभी अल्पकालिक
अर्द्ध - विराम प्रतीत
होता पर विराम नहीं।
"बड़ी मिलती जुलती सी बातें है
दोनों में
इन्हें पलटकर देखना
संभावना की आपार झलक में खोना
बड़ा अच्छा लगता है.."
आज तम्हीद की जरूरत ही नहीं हो रही..✍
रूबरू होते हैं लिंकों के माध्यम से
आज के रचनाकारों के नाम
इस प्रकार से...
आदरणीया रश्मि प्रभा जी,
शालिनी कौशिक जी, आदरणीय अंशु माली रस्तोगी जी,
आदरणीय डा प्रवीण चोपड़ा जी और
अपर्णा बाजपेयी जी
बैठो
कुछ खामोशियाँ मैं तुम्हें देना चाहती हूँ
वो खामोशियाँ
जो मेरे भीतर के शोर में
जीवन का आह्वान करती रहीं
ताकि
तुम मेरे शोर को पहचान सको
अपने भीतर के शोर को
पड़ोस में आंटी की सुबह सुबह चीखने की आवाज़ सुनाई दी ....
''अजी उठो ,क्या हो गया आपको ,अरे कोई तो सुनो ,देखियो क्या हो गया इन्हें ...'' हालाँकि हमारा घर उनसे कुछ दूर है किन्तु सुबह के समय कोलाहल के कम होने के कारण उनकी आवाज़
ऑफलाइन ही नहीं लगा करती, सोशल मीडिया पर भी लगती है।
सोशल मीडिया पर लगी फेस्टिव सेल तरह-तरह के शुभकामना संदेशों से
भरी पड़ी रहती है। पांच-सात तरह के शुभकामना संदेश एक-दूसरे को खूब
व्हाट्सएप्प किए जाते रहते हैं।
आज कल पब्लिक को इमोशनल ब्लेकमेल किया जाता है ...
शहर में कितने ही होटल-स्टरां जिन का नाम ..मां की रसोई ...
कईं जगहों पर मैंने ढाबे देखे ...जिन का नाम था .. हांडी...
पता नहीं पंजाब में किसी ने कुन्नी के बारेे में सोचा कि नहीं..
भूख से नहीं मर रहे बच्चे, रिक्शा चालाक और मजदूर,
तब सड़क पर खड़े एक भिखमंगे ने
फेंक दिया था खोलकर
अपने शरीर पर बचा
एक मात्र अधोवस्त्र,
खड़ा हो गया था नंगा
शासन के ख़िलाफ़!
शब्दों द्वारा संवाद बनाए रखे
।।इति शम।।
पम्मी सिंह
धन्यवाद..✍
शुभ प्रभात सखि पम्मी जी
जवाब देंहटाएंअच्छी सोच
इन्हें पलटकर देखना
संभावना की आपार झलक में खोना
बड़ा अच्छा लगता है.."
सादर
सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंअल्पविराम का रहस्य विचारणीय है।
आपकी पुनः सक्रियता का हार्दिक स्वागत है।
सुंदर लिंक संयोजन आज के अंक में।
बधाई आपको।
हमारा ब्लॉग अब 2 लाख पेज़ व्यूज़ का आंकड़ा शीघ्र ही छूने वाला है।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
आभार सादर।
nice links,thanks pammi ji .
जवाब देंहटाएंउषा स्वास्ति पम्मी जी,
जवाब देंहटाएंसुस्वागतम् जी,पुनः आपकी सक्रियता सुखद प्रतीत हो रही है। बहुत सुंदर लिंकों की सराहनीय प्रस्तुति।
सभी रचनाएँ बहुत अच्छी है।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा..
काफी दिनों बाद मिले हैं न
सादर....
बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंsundar link sanyojan aaj ka ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंकों की प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंपठनीय रचनाओं से परिचित कराते सुंदर सूत्र...आभार पम्मी जी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर हलचल ,पम्मी जी सभी रचनायें बहुत अच्छी हैं
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंकों से सजी पांच लिंकों का आनंद, सुन्दर प्रस्तुति पम्मी जी।
जवाब देंहटाएंसुंदर सन्योजन
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
आदरणीया पम्मी जी प्रणाम आज का अंक बहुत ही बेहतरीन लगा विशेषकर "चिकोटी','यदि तुम चाहो'और आपकी मनमोहक प्रस्तुति में शब्दों का खेल। वाह ! सादर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स एवं सशक्त प्रस्तुतियाँ आज की हलचल में ! बधाई पम्मी जी !
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंवाह ! खूबसूरत लिंक संयोजन ! बहुत सुंदर आदरणीया ।
जवाब देंहटाएंश्रेष्ठ रचनाएँ !
जवाब देंहटाएंsabhi rachnayein behad umda hain.
जवाब देंहटाएंRachnakaron ko sadhuwad.
सभी लिंक्स बहुत अच्छे हैं।
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