आप सभी को संजय भास्कर का नमस्कार
चलिए देखिए आज की पसंदीदा रचनाओं के सूत्र और लुत्फ उठाइए कुछ प्यार भरी रचनाओं का मेरे साथ:))
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शुभ प्रभात संजय भाई
जवाब देंहटाएंअच्छी रचनाएँ
दाद देती हूँ आआपकी पसंद को
सादर
शुक्रिया यशोदा दीदी
हटाएंसचमुच आज के पांच लिंक आनन्द बाँट रहे हैं..बधाई !
जवाब देंहटाएंआभार अनीता जी
हटाएंवाह बहुत सुंदर प्रस्तुति संजय जी ।
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा नया अंदाज हलचल प्रस्तुति का ...
जवाब देंहटाएंआभार!
सुंदर लिंकों का संयोजन किया है...
जवाब देंहटाएंआदरणीय संजय भाई आपने...
आभार आप का....
Are waaaah ! Bht hi badhiya links or prastuti
जवाब देंहटाएं" प्रेम रतन निजात पायो "
जवाब देंहटाएंआज साबित हो गया की पैसे वाला कानून भी खरीद सकता है आश्चर्य नहीं होना चाहिए यह सब पैसे का ही खेल हे की ,गुजरात.हाशिमपुरा और ना जाने कितने दंगो के अपराधी मजे से घूम रहे है इस तरह के केस का फैसला तो अदालत के बाहर ही हो जाता है अदालत में तो सिर्फ दस्तखत होते है
वो क्या है ना पैसे में गर्मी ही इतनी होती है कि किसी का भी ईमान पिघल जाये वरना निचली अदालत सबूतों के आधार पर जिसको 5 साल की सजा सुनाती है और आज 10 महीने बाद उपरी अदालत कहती है सलमान के खिलाफ सबूत ही नहीं है ....भैय्या जनता इतनी भी बेवक़ूफ़ नहीं है .सब जानती है . ''खैर पतंग उड़ाना कभी कभी फायदेमंद भी होता है .''बस गलती मरने वाले गरीब की थी वो फुटपाथ पर सो रहे थे उसे इतना तो ध्यान रखना चाहिए था की फुटपाथ सोने की जगह नहीं होती कभी किसी अमीर की गाड़ी भी फुटपाथ से गुजर सकती है .भैय्या गलत तो गरीब होता है और हमेशा गलत ही ठहराया जाता है खेर सब छोड़ो चलो सलमान शाहरुख़ की फिल्मे आ रही है उसपे चर्चा करो यहाँ लोगों का ईमान मर चूका है
चलो. हम देर आये दुरुस्त आये. पता नहि था कि इतना सुन्दर, रुई के फाहों सा मुलायम और कोमल संसार सज रहा है इन पाँच लिंकों ( क्षिति, जल, पावक, गगन, समीर ) में. सृजन- यज्ञ मे शामिल समस्त रचनाकारों को प्रणाम!
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