मेरी दो दिन की अनुपस्थिति
नहीं खली होगी आपको....
अब खलेगी मेरी उपस्थिति..
चलिए देखिए मेरी आज की पसंद.....
स्पंदन में....
विश्व के पहले शल्य चिकित्सक - आचार्य सुश्रुत
।। शल्य चिकित्सा के जनक: सुश्रुत ।।
सुश्रुत प्राचीन भारत के महान चिकित्साशास्त्री एवं शल्यचिकित्सक थे। उनको शल्य चिकित्सा का जनक कहा जाता है।
कविता मंच में....
तुमने हमेशा कहा
किसी को तुम अपने करीब नहीं आने देते
इस सब के बावजूद
तुम्हारे जीवन में मैं आयी
तुमसे बिन पूछे
जबरन तुम्हारे दिल में जगह भी बनायी.
सुधिनामा में....
उगते सूरज को सभी, झुक-झुक करें सलाम
जीवन संध्या में हुआ, यश का भी अवसान !
बहती जलधारा कभी, चढ़ती नहीं पहाड़
एक चना अदना कहीं, नहीं फोड़ता भाड़ !
रूप अरूप में....
एक भूला सा स्पर्श फिर याद आएगा....
पगडंडियों पर तय फ़ास्ले पर चलती
दो हथेलियां आपस से छू जाएंगी...
सर्द मौसम में कोई खुद में
जरा सा और सिकुड़ जाएगा.....
आकांक्षा में....
दृष्टि जहां तक जाती है
तू ही नज़र आती है
पलकें बंद करते ही
तू मन में उतर जाती है
छवि है या कोई परी
जो आँख मिचौनी खेल रही
मौलश्री में....
राह देखते नहीं थकती
बिरहन रैना
पंथ निहारते है मेरे
सिहरते नैना
दिन कि लिखावट
करते थकते
और ये है आज की अंतिम पसंदीदा रचना की कड़ी
उलूक टाईम्स में....
क्या कुछ
कौन से शब्द
चाहिये कुछ या
बहुत कुछ
व्यक्त करने के
लिये कोई है जो
चल रहा हो साथ में
लेकर शब्दकोष
शब्दों को गिनने के लिये
आज्ञा दीजिए यशोदा को...
फिर मिलते हैं....
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंआपकी अनुपस्थिति मुझे तो बहुत खलती है |आज की लिंक्स में से तीन पढ़ली हैं व २अभी बाक़ी हैं दोपहर के लिए |लिंक्स की आपकी पसंद बहुत परिष्कृत है |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
बहुत सुन्दर सार्थक एवं पठनीय सूत्र ! 'सुधीनामा' की 'जग की रीत' को सम्मिलित करने के लिये आपका हृदय से आभार यशोदा जी !
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंकाफी दिनों बाद...
यानी एक सपताह बाद...
आप के चयनित लिंक पढ़ने को मिले...
आभार आप का...
Bahut sundar links..meri rachna shamil karne ke liye aabahr
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति । आभार यशोदा जी 'उलूक' के सूत्र 'क्या कुछ कौन से शब्द ....' को स्थान देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंअति उत्तम प्रस्तुति। धन्यवाद।
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