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बुधवार, 1 मई 2024

4113..वाह रे जिंदगी..

 ।।प्रातःवंदन।।

1 मई और..

"उषा की पहिली लेखा कांत, 

माधुरी से भीगी भर मोद; 

मद भरी जैसे उठे सलज्ज 

भोर की तारक द्युति की गोद। 

कुसुम कानन-अंचल में मंद 

पवन प्रेरित सौरभ साकार, 

रचित परमाणु पराग शरीर 

खड़ा हो ले मधु का आधार।"

जयशंकर प्रसाद

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस , अर्थात 'मेहनत उसकी लाठी है,मजबूत उसकी काठी है।'श्रमिकों के लिए एक दिन समर्पित करने का दिन ताकि उनके आर्थिक-सामाजिक और अधिकारो का सम्मान पूर्वक न्याय मिलता रहे। इसी शुभकामना संदेश के साथ आज नजर...✍️

विश्वास ...

तूफान के साथ सब कुछ उजड़ गया सिवाए प्रेम के

पूरब की किरणों के साथ लौटने..

✨️








स्वीकारोक्ति - -

उम्र भर देखा है आईना ताहम

ए'तराफ़ कर न सके,

गहराइयों तक हैं धुंध दिल अपना साफ़ कर न सके,


लिट्टी-चोखा











आखिर कहाँ से आया 'लिट्टी-चोखा' और कैसे बन गया बिहार की पहचान....

लिट्टी चोखा का इतिहास रामायण में वर्णित है। ये संतो का भोजन होता था। जब राम और लक्ष्मण मुनि विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा हेतु गए थे तब भी उन्हें सुबह में सातु और रात्रि में..

✨️

मिसमैच

वाह रे जिंदगी ..... 

  मिसमैच ......

कभी कभी लगता है पूरी जिंदगी ....

 जिंदगी में हर चीज मिसमैच 

 चल रही है ..या कहें रेंग रही है 

   अधिकतर लोगों की ....

    ढोए जा रहे हैं किसी तरह ..

✨️

कीमत मेरे,आपके और उसके एक वोट की

हम व्यवस्था को उसकी नाकामियों की वजह से कोसने में कोई ढिलाई नहीं बरतते पर कभी भी अपने कर्तव्य को नजरंदाज करने का दोष खुद को नहीं देते ! वर्षों बाद आने वाले सिर्फ एक दिन के कुछ पलों के लिए भी हम अपने ..

।।इति शम।।

धन्यवाद 

पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️

4 टिप्‍पणियां:

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