।।प्रातःवंदन ।।
"जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल।
चर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुखमूल॥"
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के अवतरण के अति पावन दिवस श्रीरामनवमी की आप सभी को हार्दिक बधाई..प्रस्तुतिकरण को आगे बढ़ते हुए लिजिए आज
सुबह-सुबह लो राम का नाम,✍️
पूरे होंगे बिगड़े अधूरे काम
राम जिनका नाम है, अयोध्या जिनका धाम है,
ऐसे रघुनंदन को हमारा प्रणाम है।
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एक तरुवर हँस रहा था
मंजरी के बौर से हर
एक टहनी कस रहा था
भाल पे मोती जड़ा
जगमग टिकोरों का मुकुट
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सुनिये, सम्भल के बोलिए
वरना नहीं दिक्कत कोई
बात करना छोड़िये।
आज की तारीख में मँहगा सलीका हो गया
जानते हैं हम,
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हर प्लीज का, मतलब रिस्पेक्ट नहीं होता
कुछ प्लीज किसी को मजबूर करने के लिए भी
'यूज़ किए जाते..
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अगर मुझसे को पुरस्कार की परिभाषा लिखने को कहे तो वह कुछ इस तरह होगी--"पुरस्कार ऐसा पारस है जो लोहे को भी सोने का रूप देकर चमका देता है . ” पुरस्कार पाकर गुमनामी के पाताललोक में पड़ा नाम अचानक अखबारों में ..
।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️
सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंरामनवमी शुभ हो
सादर वंदन
सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अंक
जवाब देंहटाएंवाकई बेहतरीन रचनाओं की प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अंक
जवाब देंहटाएंशानदार रचनाओं का सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार तथा ब्लॉग के सभी पाठकों को राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
सुप्रभात। बहुत सुंदर रमणीय अंक। मेरी रचना की पंक्ति भाल पर। बहुत आभार पम्मी जी।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को रामनवमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।