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रविवार, 14 अप्रैल 2024

4096 ..छाँव थी तेरे साथ की बेरहम धूप ने राख किया।

 सादर अभिवादन

आज मौर्य सम्राट अशोक का जन्म हुआ और
बिहार सरकार ने सम्राट अशोक के जन्मदिन के 
उपलक्ष्य में 14 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है

संविधान शिरोमणि डॉ. आम्बेडकर जी की जयन्ती भी है
आइए देखें कुछ रचनाएं ....



खो जाते विभिन्न रंगों में हम
अक्सर बह जाते
भावना के रंगों संग हम
देती है पीड़ा दर्द भी हमें
ख़ुशी के संग संग
रुलाती भी बहुत है
हंसी के संग संग हमें
ये रंग बिरंगी ज़िन्दगी हमारी
अक्सर बिखेरती रहती अनेकानेक रंग
हमारे जीवन के केनवस पर




हर क्षेत्र में एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के द्वारा प्रगति कर रहे हमारे नए नए कदम - पीछे मुड़कर देखने को तैयार ही नहीं है। इसके जनक एक भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक थे।  क्या सोचा होगा उन्होंने ? कि हम इसको किस लिए विकसित कर रहे हैं? जो आज उसका उपयोग हो रहा है, वह बहुत ही उन्नत है और उसके रास्ते प्रगति की और जिस तेजी से बढ़ रहे है कि मानवीय मस्तिष्क भी इसके आगे नत है।  दिमाग को सोचने में कुछ समय तो लगता ही है लेकिन कृत्रिम बुद्धिमत्ता से हमें हल प्राप्त हो जाता है।





रात तेरी याद कुछ इस तरह आती है,
जैसे ख़ामोश झील पर चांद उतरता है.

तू जो हंसती है, तो हरेक शै हंसती है,
तू जो रोती है, तो ज़र्रा-ज़र्रा सिसकता है.





जगत वंदनी जनक नंदिनी
सीता राम कें प्रणय जतऽ
एहन सुन्दर पावन धाम
जग में कहू छै और कतऽ .
छलथि विदेह तपस्वी राजा
विज्ञ अनंत परम विद्वान





जुड़  ना पाये बाद तेरे
टुकड़े दिल के रखूँ क्या
याद तेरी कोई बात नहीं
लफ्ज़ों में मैं लिखूं क्या?
छाँव थी तेरे साथ की
बेरहम धूप ने
राख किया।




भटकाने वालों से
सावधान हो जाओ
कंक्रीट की सड़कों पर
पगडंडियां मत बनाओ
बनाओ
एक बहुत चौड़ा रास्ता
जो मुद्दों के खतरनाक जंगल को
चीरता हुआ निकल जाए
उस पार
जहां स्वागत के लिए खड़ी है
आने वाली पीढ़ी
मुद्दों से बेखबर ....
   



आज बस. ...कल फिर

सादर वंदन

4 टिप्‍पणियां:

  1. एक से बढ़कर एक ल‍िंंक.आभार.

    जवाब देंहटाएं
  2. पुनः इस पटल पर अपने को पाकर बेहद ख़ुशी हो रही है और इसके लिए मैं खुद को दोषी मानती हूँ क्योंकि ब्लॉग को हम कमतर आंकने लगे या फिर फेसबुक की मृगमरीचिका में फँस कर अपनत्व भरे परिवार से दूर हो रहे थे।

    जवाब देंहटाएं

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