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रविवार, 19 नवंबर 2017

856..बिल्ली जब जाती है दिल्ली, चूहा बन जाता है सरदार...

सादर अभिवादन..
19 नवेम्बर..
कई मुआमले में खास है
इतिहास के पन्‍नों में दर्ज है आज के दिन की कई घटनाएं, 
जिनमें ये प्रमुख हैं...आज ही..
2017..आज पाँच लिंकों का आनन्द के 856 वें अंक का प्रकाशन
जिसमें  उलूक, कारोबार, चूहा, दिल्ली, बिल्ली का भी जिक्र है
1975. देश की पहली मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन का जन्‍म हुआ था.
1917..पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्‍म हुआ था.
1835. बहादुरी की मिसाल महारानी लक्ष्‍मीबाई जन्‍म हुआ था.

रक्खें ख्याल ..
अधखुली खिड़की का 
 और समाजवाद का
सन्नाटे में कभी..
सृष्टि का सार नहीं न है

आखिर आज क्यूँ...
मज़ाल है कोई हटे जेहन के पास से
छपवा देंगे..
उलूक के पन्ने में हम

याद कीजिएगा आप.. वो दिन..


ख्याल से खयाल रखिएगा..आज की रचनाओं की ओर..
जितना  झटकूँ
उलझती है
फिसलती है आकर
पलकों की राहदारी में
ख्याल बनकर।

दर्पण के सामने खड़ी हूँ
लेकिन नहीं जानती
मुझे अपना ही प्रतिबिम्ब
क्यों नहीं दिखाई देता ,


अधखुली खिड़की से.......अनु अन
अधखुली खिड़की से,
धुएं के बादल निकल आए,
संग साथ मे सोंधी रोटी 
की खुशबु भी ले आए,




सृष्टि का सार...अंशु जौहरी
रंगों की मृगतृष्णा कहीं
डरती है कैनवस की उस सादगी से
जिसे आकृति के माध्यम की आवश्यकता नहीं
जो कुछ रचे जाने के लिये
नष्ट होने को है तैयार


आज क्यूँ ?.....पुरुषोत्तम सिन्हा
आज क्यूँ ?
कुछ अनचाही सी बेलें उग आई हैं,
मन की तरुणाई पर, कोई परछाई सा लगता है,
बिखरे हो टूट कर पतझड़ में जैसे ये पत्ते,
वैसा ही बेजार ये,
कुछ अनमना या बेपरवाह सा लगता है.......


मजाल है जो ज़ेहन से रुखसत हो.....पम्मी सिंह
ऐसी भी जहीनी क्या?
बेफिक्री वाली हंसी हंसना चाहती हूँ ..
इत्ता कि सामने वाले की हंसी या तो गायब हो 
(मानो कह  रहा लो मेरे हिस्से की भी ले लो)या हंसने लगे
और मन के किसी कोने में बैठा भय बस..सहम ही जाए..
मुसाफिर हूँ बस.. खुशनसीब शज़र की  


लंच बाक्स से झांकता है समाजवाद...अपर्णा वाजपेई
कुछ डिब्बों में रखी होती हैं करारी- कुप्पा तली हुयी पूरियां 
और कंही, 
चुपके से झांकती है तेल चुपड़ी तुड़ी-मुड़ी रोटी,
कुछ बच्चे खाते हैं चटखारे लेकर-लेकर 
बासी रोटी की कतरने, तो कुछ;
देशी घी में पगे हलवे को भी देखकर लेते हैं  

"वो दिन"....मीना भारद्वाज
बर्फ से ठण्डे हाथ और
सुन्न पड़ती अंगुलियाँ
जोर से रगड़ कर
गर्म‎ करने का हुनर
तुम्हें देख कर
तुम ही से सीखा है ।

पन्ना उलूक का

धोती है कुर्ता है 
झोला है लाठी है 
बापू की फोटो है 
मास्साब तबादले 
के लिये पीने 
पिलाने को खुशी
खुशी तैयार है 

‘उलूक’ के पास 
काम नहीं कुछ 
अड़ोस पड़ोस 
की चुगली का 
बना लिया 
व्यापार है ।

आज बस इतना ही..
गालियाँ नहीं न खानी है

यशोदा














15 टिप्‍पणियां:

  1. शुभप्रभात दी,
    वाह्ह्ह.....आज की तारीख की महत्ता के साथ आज का सुंदर संकलन,और दी आपने तो सारी रचनाओं के शीर्षक से एक कविता भी बना डाली।
    बहुत सुंदर।
    सराहनीय रचनाएँ है सारी दी और सुगढ़ संयोजन।
    सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं

  2. आदरणीया दीदी शुभ प्रभात आज का अंक विशेष लगा ख़ासकर "लंच बाक्स से झांकता है समाजवाद" सभी रचनायें बेहतर। सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. विविधतापूर्ण सुन्दर प्रस्तुति। इतिहास के पन्नों को पलटना खासकर तब जब विवाद सामने हो, अत्यन्त ही आवश्यक है।कएक अन्य लिंक पर की गई टिप्पनी प्रस्तुत है:
    इतिहास प्रयोगधर्मी का सेट नहीं हो सकता। ''अभिव्‍यक्‍ति की आज़ादी'' शौर्य की प्रतीक एक रानी का चरित्रहनन या मर्यादाहनन नहीं होना चाहिए। अत्‍याधुनिक होने के बावजूद सभ्‍यता-शालीनता-मर्यादा आज भी वांछित है। इसी मर्यादा के कारण जायसी की अवधी भाषा में कृति ''पद्मावत'' सूफी परम्परा का प्रसिद्ध ''महाकाव्‍य'' बन गई।
    ऐसे मे आज की प्रस्तुति अत्यन्त महत्वपूवपूर्ण
    सादर नमन।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात ! खूबसूरत और रोचक प्र‎स्तावना संग विविधताओं से परिपूर्ण खूबसूरत पुष्पगुच्छ की तरह मनमोहक लिंक संयोजन . सादर आभार!

    जवाब देंहटाएं
  5. आपके बनाये पोस्ट में खो जाते हैं
    ढ़ेरों आशीष संग असीम शुभकामनाएं छोटी बहना

    जवाब देंहटाएं
  6. सुप्रभात!!
    बेहतरीन रचनाओ का संगम,नित न ई रचनाओ से साक्षात्कार मन को बेहद ह्रास्रित करती है।
    आज के रविवारीय अंक मे मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका आभार...!!!

    जवाब देंहटाएं
  7. सुप्रभात। भूमिका में गूढ़ता का समावेश। बेहद खूबसूरत रचनाओं का संकलन जिसमें विविधता पूरी तरह से परिलक्षित हो रही है। सभी चैनल रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं। आभार सादर।

    जवाब देंहटाएं
  8. सुप्रभात..दीदी
    आज की दिनांक की महत्ता दर्शाती प्रस्तुति के साथ
    बहुत बढिया संकलन..मेरी रचना को शामिल करने के लिए
    धन्यवाद,
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभार यशोदा जी 'उलूक' के पन्ने को भी जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुंदर प्रस्तुति. मेरी रचना को शामिल करने के लिये सादर आभार. सभी चयनित साथियों को बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुन्दर ,उम्दा लिंक संकलन....

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुन्दर सूत्रों का चयन आज की हलचल में ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी !

    जवाब देंहटाएं

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