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शुक्रवार, 23 जून 2017

707....दिशा है अगर तो, है दिशाहीन

कहीं पर भी होती अगर एक मंज़िल,
तो गर्दिश में कोई सितारा न होता !
ये सारे का सारा जहां अपना होता,
अगर यह हमारा तुम्हारा न होता..!

चलिए चलें आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर..

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एक कारोबारी ने कार का नाम अपनी बेटी के नाम पर रख दिया और यहीं से मर्सिडीज नाम की शुरूआत हुई. कंपनी का नाम तो डाइम्लर मोटोरेन गेजेलशाफ्ट है.

चूम धरा का प्यासा आँचल
माटी के कण कण महकाये है
उदास सरित के प्रांगण में
बूँदों की गूँजें किलकारी
मौसम ने ली अंगड़ाई अब तो
मनमोहक बरखा ऋतु आयी है।

मायका मतलब
माँ बाबा का लाड़ ,
मायका मतलब
भाई का प्यार ,
मायका मतलब
भाभी की मनुहार ,


दर्द कोई बोलता हुआ....लोकेश नदीश
है मेरा अपना हौसला परवाज़ भी मेरी
मैं एक परिन्दा हूँ मगर पर कटा हुआ

मजबूरियों ने मेरी न छोड़ा मुझे कहीं
मत पूछना ये तुझसे मैं कैसे जुदा हुआ


नकारत्मकता से सकारात्मकता की ओर.......ऋतु आसूजा
बुराई को अच्छाई में बदलने की मेरी सोच बन आयी
नकारात्मक से सकारात्मक दृष्टि मैंने पायी
नकरात्मक सोच से करके विदाई
अब सकारत्मकता के बीज मैं बोता हूँ


समय तू पंख लगा के उड़ जा.......सुधा देवरानी
तब ना थी कोई टेंशन-वेंशन ना था कोई लफड़ा
ना आगे की फिकर थी हमको ना पीछे का मसला।
घर पर सब थे मौज मनाते खाते-पीते तगड़ा...
खेल-खेल में हँसते गाते या फिर करते झगड़ा ।


देश में पल पल 
जो हो रहा होता है
वही सब मेरे घर में
घट रहा होता है
कोई गांधी और 
कोई गोडसे
की दुहाई दे 
रहा होता है
कोई पटेल 
के नाम का
लोहा ले 
रहा होता है

आज्ञा दें यशोदा को


14 टिप्‍पणियां:

  1. शुभप्रभात ,आदरणीय दीदी
    सुन्दर लिंको का चयन ,लेख जानकारी से भरी
    उम्दा ! लिंक संयोजन
    आभार।
    "एकलव्य"

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह ! बहुत ही खूबसूरत लिंक संयोजन । बहुत सुंदर ।

    जवाब देंहटाएं
  3. आज का संकलन प्रेरक और अतिसुंदर है। साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. सस्नेहाशीष छोटी बहना
    उम्दा प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  6. शुभ प्रभात ।खूबसूरत रचनाओं का समागम। मौसम से लेकर रिश्तों की महक। सादर आभार।

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह!उम्दा लिकों का चयन।
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  8. सुंदर लिंक संयोजन ,मेरी रचना को मान देने के लिए बहुत आभार यशोदा दी।

    जवाब देंहटाएं
  9. शुभ दोपहर....
    क्या बात है.....
    आनंद आ गया.....

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर लिंक संयोजन.....
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार एवं धन्यवाद, यशोदा जी !

    जवाब देंहटाएं
  11. टिप्पणियाँ जैसे बढ़ते हुऐ बच्चे आनन्द देते हैं पाठकों लेखकों का बढ़ता उत्साह ब्लॉग की दुनियाँ के अच्छे दिन आने का संकेत देते हैं। आज की सुन्दर प्रस्तुति में 'उलूक' की बकबक को भी जगह देने के लिये आभार यशोदा जी।

    जवाब देंहटाएं
  12. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  13. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत सुन्दर लिंक संयोजन किया है आपने आज के लिए।

    जवाब देंहटाएं

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