हेलेन केलर: जो हमें 'देखना' और 'सुनना' सिखाती है...पारुल
केलर जब 19 महीने की थीं, तो एक बीमारी ने उनकी ये तीनों शक्तियां ख़तम कर दी. जिस उम्र में बच्चे आसपास की हर चीज़ को देख कर समझते हैं. बोलते हैं. सवाल करते हैं. उस उम्र में केलर अनजान अंधेरे और सन्नाटे से जूझ रही थीं.
अँधेरे में रौशनी की किरण – हेलेन केलर
एक दिन हेलेन की माँ समाचार पत्र पढ रहीं थीं, तभी उनकी नजर बोस्टन की परकिन्स संस्था पर पङी। उन्होने पुरा विवरण पढा। उसको पढते ही उनके चेहरे पर प्रसन्नता की एक लहर दौङ गई और उन्होने अपनी पुत्री हेलन का दुलार करते हुए कहा कि अब शायद मुश्किलों का समाधान हो जाए। हेलन के पिता ने परकिन्स संस्था की संरक्षिका से अनुरोध किया जिससे वे हेलेन को घर आकर पढाने लगी।
हेमला सत्ता भाग 2... कविता रावत
“आज भूत का चोला छोड़ मैं फिर से मनुष्य हुआ हूँ। इसके लिए मैं आपका ऋणी रहूंगा। सदा आपके गुण गाता रहूंगा। आप न मिलते तो मैं भूत बनकर ही किसी दिन मरकर पड़ा रहता।“ हेमला को कृपा दृष्टि से देख कर ठाकुर ने सबसे कहा- “सुनो, अब से भूलकर भी भूत से नहीं डरना। भूत-भाव के भय से देखो कैसे सबने हेमला को मनुष्य से भूत समझ लिया, यह प्रत्यक्ष उदाहरण तुम्हारे सामने है।“
"अनंत का अंत".......प्रगति मिश्रा 'सधु'
हर शब्द में एक काशिश ~~~~
एक नया उन्माद होता है
शब्द प्रेम है, शब्द अनुभव है
शब्द तुममें है, शब्द मुझमें है
शाम....श्वेता सिन्हा
उतर कर आसमां की
सुनहरी पगडंडी से
छत के मुंडेरों के
कोने में छुप गयी
रोती गीली गीली शाम
कुछ बूँदें छितराकर
तुलसी के चौबारे पर
कलम जब कफन को उठाती....डॉ जयप्रकाश तिवारी
कवि की कलम
जब कफन को उठाती
तब कविता, कहानी
नई जग मे आती,
समस्याओं का हल भी
वही तो सुझाती।
भाई कुलदीप जी का नेट कोमा में है
प्रस्तुति दिग्विजय अग्रवाल के द्वारा बनाई गई है
रचनाकारों को सूचना प्रकाशनोपरान्त वे स्वयं देंगे
धन्यवाद।
शुभ प्रभात....
जवाब देंहटाएंसुंदर पठनीय लिंकों का चयन
आभार
सादर
शुभप्रभात....
जवाब देंहटाएंदो सपताह से प्रस्तुति बनाते हुए....
नैट चलना बंद हो जाता है....
भाई साहब का आभार....
प्रस्तुति बन रही है....
आभार....
बहुत ही सुंदर प्रेरणात्मक प्रस्तुति । सादर आभार। शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर संकलन। अनेक रूप - रंग - गंध से सुरभित हिन्दी वाटिका। मेरी रचना को स्थान देकर मुझे गौरवान्वित करने हेतु आभार
जवाब देंहटाएंप्रेरणा और संदेशों से परिपूर्ण बहुत अच्छी लिंक।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बहुत प्रेरक प्रसंग,सुंदर कहनी और प्यारी कविताओं से सजे आज के अंक के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को मान देने के लिए आभार बहुत सारा शुक्रिया
सादर ।।
बहुत सुन्दर विषय वस्तु सुन्दर प्रस्तुति कुलदीप जी।
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात
जवाब देंहटाएंआदरणीय, कुलदीप जी
आज का अंक प्रेरणाप्रद है
कहते हैं जहाँ चाह ,वहाँ राह
सराहनीय रचनायें
आभार।
"एकलव्य"
शुभ प्रभात । प्रेरक व्यक्तित्व हेलेन केलर को समर्पित यह अंक सुंदर रचनाओं से सुसज्जित है। सादर आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंSUNDAR LINK SANYOJAN .........
जवाब देंहटाएंhttp://hindikavitamanch.blogspot.in/
bahut accha link
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक संयोजन....
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