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वो शब्दों का ताना - बाना
जो इन लिंकों के
माध्यम से
प्रस्तुत कर रही हूँ..
शाखा -शाखा खिल उठी थी,
खूबसूरत फूलों से....
मंद हवा के झोकों के संग
जितना भी है
जो कुछ भी है
सभी कुछ
खुद बा खुद
नया नया
निकल रहा है
उसे भी
लिखने का शौक था
लेकिन घर के
माहौल के कारण
वह अपनी
कविताएँ और शायरियाँ
सबसे छुपाकर रखती थी ।
उपवासी अन्तेवासी हूँ,
प्रेम पींग की झुला न देना .
मैं जागी अब सुला न देना ,
हँसा के पिया अब रुला न देना.
इम्ऱोज का फ़र्दा क्या हो
पर हर ज़ख़्म पिए जाते हैं
हर खलिश को दफ़न कर
मुदावा खोज़ लाते हैं
शायद वो फ़र्दा हमारा होगा
क्या से आगे क्या ?
आक्षेप, पराक्षेप से भी क्या ?
विशाल, व्यापक और विराट है क्या
सर्वथा निस्सहाय नहीं है ये क्या
उपायो में है जबाब हर क्या का
.......
:: पाठक परिचय ::
पम्मी सिंह के ही शब्दों में....
मैं इन्हीं हर्फों और सप्हों में रची बसी हूँ,क्योंकि
हमारे होने और बनने में कई लोगों के साथ-साथ
भावों और अहसासों का सहयोग होता हैं। जी,
धन्यवाद।
pammisingh70ps@gmail.com
शुभप्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
अच्छी रचनाए चुनी आपने
सादर
ढ़ेरों शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंआदरणीय यशोदा दीदी
जवाब देंहटाएंशुप्रभात ! बहुत ही उम्दा
रचनायें ,पम्मी जी को इस
प्रस्तुति के लिए
हार्दिक बधाई
आभार।
"एकलव्य"
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभार पम्मी जी 'उलूक' के सूत्र का पाठकों के पाँच लिंकों में चयन के लिये।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात, आदरणीय ,दीदी निसंदेह पाठकों की पसंद कड़ी उत्साह और अवसरों को सामजस्य कराती लिंक हैं ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंशामिल करने के लिए बहुत आभार एवं शुक्रिया पम्मीजी ' हंसा के पिया अब रुला न देना' !
हटाएंबहुत बढ़िया संकलन एवम उम्दा प्रस्तुति। धन्यवाद।
आदरणीय पम्मी जी आप की पसंद.....
जवाब देंहटाएंपाठकों को विशेष आनंद दे रही है.....
अगर आप यहां चर्चाकार बनकर....
स्वयम् प्रस्तुति देते तो आनंद और अधिक आता....
पाठक भी पुराने चर्चाकारों के साथ साथ....
नये चर्चाकारों की पसंद को पढ़ने के इच्छुक रहते हैं....
नये चर्चाकारों की प्रस्तुति से....
कुछ नये ब्लौगरों से भी परिचय हो जाता है....
अतिथि चर्चाकारों के द्वारा दी गयी प्रस्तुति....
आप की पसंद के अंतर्गत प्रस्तुत विशेषआंक पढ़कर....
बहुत अच्छा लगता है....
सादर।
बहुत ही सुंदर संकलन है
जवाब देंहटाएंआज की सुंदर प्रस्तुति के लिए पम्मी जी को बधाई। उम्मीद है आप आगे भी ऐसी बेहतर प्रस्तुति के साथ" पांच लिंकों का आनंद" में आती रहेंगी।
जवाब देंहटाएंपम्मी जी द्वारा बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर संकलन....
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत धन्यवाद पम्मी जी!मेरी रचना
"आशान्वित हुआ गुलमोहर"को पाँच लिंको में शामिल करने के लिए...
बहुत बहुत धन्यवाद, यशोदा जी !