इस वर्ष लोगों का प्रकृति से जुड़ाव चर्चा का केंद्र बिंदु रखा गया है। अतः कमलेश माली जी की रचना व्यापक सन्देश लेकर उपस्थित हुई है
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
निवेदन।
---
फ़ॉलोअर
गुरुवार, 8 जून 2017
692....काश तुम कुछ समझ पाते....
इस वर्ष लोगों का प्रकृति से जुड़ाव चर्चा का केंद्र बिंदु रखा गया है। अतः कमलेश माली जी की रचना व्यापक सन्देश लेकर उपस्थित हुई है
15 टिप्पणियां:
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
शुभ प्रभात....
जवाब देंहटाएंवाह....बहुत अच्छी रचनाओं का चयन
आभार.....सादर
सुन्दर लिंक्स ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय ,रवींद्र जी
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात ,नये ढ़ंग से
लिंकों का संयोजन ,सुन्दर व उद्देश्यपरक रचनाओं का चयन
दिन-प्रतिदिन हमारे पाँच लिंकों का आनंद मंच को एक नया आयाम दे रहा है
आपके इस सुन्दर व सार्थक प्रयास के लिए आपको बहुत-बहुत शुभकामनायें
आभार। ''एकलव्य''
वाह..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
लगे रहिए
सादर
शुभप्रभात....
जवाब देंहटाएंउत्तम....
सादर।
व्यापक संदेश के साथ बहुत सुंदर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन.. वाह
जवाब देंहटाएंसक्रिय सहयोग एवं समर्थन के लिए पांच लिंकों का आनंद की ओर से सभी रचनाकारों एवं आदरणीय पाठकों का हार्दिक आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लग रहा है टिप्पणियों को देखकर । बढ़िया प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंअब फब गया यह अंक । सर आपका आशीर्वाद और स्नेह इसी तरह हमें मिलता रहे।
हटाएंमेरी कविता को सम्मिलित करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचनाएँ पेश की गयीं हैं। पांच लिंकों का आनंद का धन्यवाद और बधाई।
जवाब देंहटाएंअद्भुद रचनायें
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं