निवेदन।


फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 2 जून 2017

686..डिस्को मुर्गे, बाँग देते समय बेचारे रंगे हाथों पकड़े भी जा रहे हैं

सादर अभिवादन..
हमारे इस ब्लॉग दो नए साथी जुड़े हैं..
आपने उन्हें सराहा...
आभार..
आज की पसंदीदा रचनाओं पर एक नज़र.....

ज़िंदगी भर फ़िरता रहा 
जिस मोहब्बत की तलाश में 
भँवरे की तरह
वो मिली है आज़ मुझे,
अपने क़ब्र में आकर,

तम्बाकू के धुंए की कार्बनमोनोऑक्साइड शीघ्रता से आरबीसी की होमोग्लोबिन को बांधती है एवं सह विषाक्तता का कारण होती है, जो हीमोग्लोबिन की आॅक्सीजन वहन क्षमता को कम करता है।

पैने करने होंगे 
अपने ही नाख़ून तुमको 
कोई नहीं आएगा बचाने  
मुखौटों के अंदर 
बस कायरों की 
भीड़ ही भीड़ है यहाँ 
हर तरफ


मन है कोर्टरूम.....रश्मि शर्मा
मेरा मन 
कभी -कभी
सुप्रीम कोर्ट में तब्‍दील हो जाता है 
कि‍‍‍‍सी मसले पर 
पुरजोर बहस
चलाता है 
दि‍ल और दि‍‍‍‍‍माग
झनझना जाए
इतनी कठोर बातें भी कहता है 



आकाशगंगा , सौरमंडल,
निर्वस्त्र तिमिर ,
अजस्त्र प्रभामंडल।
खगोल से भूगोल
और अनुभूत सत्य से
रहस्यमय ब्लैकहोल तक।

जिस्म मिट जाए, मगर
रूह ना मिट पाएगी,
वो तो खुशबू है,
फिज़ाओं में बिखर जाएगी !
फिर ये दरिया, मेरी आँखों से
बह चला क्यूँ है ?

बडी अनोखी सी बात है ये
बडा ही मुश्किल है ये फसाना
कि जिससे हमने बनायी दूरी
वो मेरी धडकन में बस रहा था
हमारी खातिर ही तुम बने थे
ये जर्रा जर्रा भी कह रहा था…


मर गई गुड़िया......डॉ. जेन्नी शबनम 
जाने कहाँ उड़ गई है मेरी गुड़िया  
वापस अब नही आएगी गुड़िया  
ना-ना अब नही चाहिए कोई गुड़िया  
जग हँसाई को हम कैसे सहे गुड़िया  
हम भी तुम्हारे पास आ रहे मेरी गुड़िया!

समय के साथ 
चलना जरूरी है
परिवर्तन के साथ
बदलना मजबूरी है
मुर्गे स्वदेशी इसी
चीज के पीछे
पीछे जा रहे हैं
अपनी को टोपी के 
नीचे छिपा कर 
ऊपर से विदेशी 
कलगी लगा रहे हैं

इसी के साथ इज़ाज़त दें...
यशोदा ...
सादर



7 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात.....
    सादर अभिवादन
    लगातार फोन,
    आग्रह,मनुहार
    के चलते ..
    आज की प्रस्तुति कुछ
    लम्बी हो गई
    सखेद

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन लिंकों का सुन्दर संयोजन लेकर आयी आज की प्रस्तुति। जीवन से जुड़े बिषयों को खंगालती वैचारिक मंथन की भावभूमि तैयार करती रचनाएँ। चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।

    जवाब देंहटाएं
  3. बढ़िया प्रस्तुति। आभार यशोदा जी 'उलूक' की पुरानी बकबक को जगह देने के लिये ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय, यशोदा दीदी लिंकों का अनूठा मेला लगाया आपने ,इस रंग-बिरंगे मेले में मेरी 'कल्पनाओं से भरी अनुभूति' को स्थान देने के लिए हृदय से आभार। "एकलव्य"

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर हलचल प्रस्तुति । बहुत बहुत धन्यवाद यशोदा दीदी

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...