सादर अभिवादन..
हमारे इस ब्लॉग दो नए साथी जुड़े हैं..
आपने उन्हें सराहा...
आभार..
आज की पसंदीदा रचनाओं पर एक नज़र.....
ज़िंदगी भर फ़िरता रहा
जिस मोहब्बत की तलाश में
भँवरे की तरह
वो मिली है आज़ मुझे,
अपने क़ब्र में आकर,
तम्बाकू के धुंए की कार्बनमोनोऑक्साइड शीघ्रता से आरबीसी की होमोग्लोबिन को बांधती है एवं सह विषाक्तता का कारण होती है, जो हीमोग्लोबिन की आॅक्सीजन वहन क्षमता को कम करता है।
पैने करने होंगे
अपने ही नाख़ून तुमको
कोई नहीं आएगा बचाने
मुखौटों के अंदर
बस कायरों की
भीड़ ही भीड़ है यहाँ
हर तरफ
मन है कोर्टरूम.....रश्मि शर्मा
मेरा मन
कभी -कभी
सुप्रीम कोर्ट में तब्दील हो जाता है
किसी मसले पर
पुरजोर बहस
चलाता है
दिल और दिमाग
झनझना जाए
इतनी कठोर बातें भी कहता है
आकाशगंगा , सौरमंडल,
निर्वस्त्र तिमिर ,
अजस्त्र प्रभामंडल।
खगोल से भूगोल
और अनुभूत सत्य से
रहस्यमय ब्लैकहोल तक।
जिस्म मिट जाए, मगर
रूह ना मिट पाएगी,
वो तो खुशबू है,
फिज़ाओं में बिखर जाएगी !
फिर ये दरिया, मेरी आँखों से
बह चला क्यूँ है ?
बडी अनोखी सी बात है ये
बडा ही मुश्किल है ये फसाना
कि जिससे हमने बनायी दूरी
वो मेरी धडकन में बस रहा था
हमारी खातिर ही तुम बने थे
ये जर्रा जर्रा भी कह रहा था…
मर गई गुड़िया......डॉ. जेन्नी शबनम
जाने कहाँ उड़ गई है मेरी गुड़िया
वापस अब नही आएगी गुड़िया
ना-ना अब नही चाहिए कोई गुड़िया
जग हँसाई को हम कैसे सहे गुड़िया
हम भी तुम्हारे पास आ रहे मेरी गुड़िया!
समय के साथ
चलना जरूरी है
परिवर्तन के साथ
बदलना मजबूरी है
मुर्गे स्वदेशी इसी
चीज के पीछे
पीछे जा रहे हैं
अपनी को टोपी के
नीचे छिपा कर
ऊपर से विदेशी
कलगी लगा रहे हैं
शुभ प्रभात.....
जवाब देंहटाएंसादर अभिवादन
लगातार फोन,
आग्रह,मनुहार
के चलते ..
आज की प्रस्तुति कुछ
लम्बी हो गई
सखेद
बेहतरीन लिंकों का सुन्दर संयोजन लेकर आयी आज की प्रस्तुति। जीवन से जुड़े बिषयों को खंगालती वैचारिक मंथन की भावभूमि तैयार करती रचनाएँ। चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति। आभार यशोदा जी 'उलूक' की पुरानी बकबक को जगह देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबढ़िया हलचल
जवाब देंहटाएंआदरणीय, यशोदा दीदी लिंकों का अनूठा मेला लगाया आपने ,इस रंग-बिरंगे मेले में मेरी 'कल्पनाओं से भरी अनुभूति' को स्थान देने के लिए हृदय से आभार। "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंसुंदर हलचल प्रस्तुति । बहुत बहुत धन्यवाद यशोदा दीदी
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