सादर अभिवादन स्वीकारें
उपस्थित हूँ आज की पसंदीदा रचनाओं के साथ..
बेटियाँ....डॉ. पूर्णिमा राय
आज खुद की कमी भाँपती बेटियाँ;
आसमाँ की ज़मीं नापती बेटियाँ।।
दुश्मनों को हराकर सदा खेल में;
मुस्कुराहट से' दिल जीतती बेटियाँ।।
लो बूटी और बेस हमारे गीतों में शामिल हो गए... कुलवन्त हैप्पी
बूटी का हिन्दीकरण पिछवाड़ा हालांकि उर्दूकरण थोड़ा सा सलीके वाला है, तरशीफ। इस गीत में जैकलीन फर्नांडीज ने जमकर बूटी थिरकाई है। जैकलीन फर्नांडीज श्रीलंकाई हैं। आप जैकलीन फर्नांडीज के जितने गाने देखेंगे, आपको बूटी के सिवाय शायद ही कोई अन्य मूवमेंट नजर आए।
और अंत में
एक साल पहले.. और आज का शीर्षक
सोच कर देख .....सुशील कुमार जोशी
‘उलूक’ किसी दिन
दुनियाँ दिखाती है
बहुत कुछ दिखाती है
उसमें कितना कुछ
बहुत कुछ होता है
कितना कुछ कुछ
भी नहीं होता है
जो कुछ भी कहीं
भी नहीं देखता है
जो कुछ भी कभी
भी नहीं सोचता है
....
आज्ञा दें यशोदा को
सादर
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंसुन्दर हलचल प्रस्तुति
सादर
ढ़ेरों आशीष व अशेष शुभकामनाओं संग शुभप्रभात छोटी बहना
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुतिकरण
आपका प्रयास बेहद सराहनीय है। लिंकों के साथ साथ आप अपनी भी एक पोस्ट लिखकर डाला करें, शुरूआत में, संक्षेप में ही सही।
जवाब देंहटाएंशुभ संध्या कुलवन्त भाई
हटाएंहै न मेरा ब्लाग भी शामिल
इस जगह
उपस्थित हूँ आज की पसंदीदा रचनाओं के साथ..
सादर
सुन्दर प्रस्तुति यशोदा जी । 'उलूक' का आभार सूत्र को शीर्षक देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएं ..नमन सहित आभार..यशोदा जी.आपने मेरी रचना को यहाँ स्थान दिया...
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