आधे से अधिक निगल लिया
पूरा निगले जाने का
ग्यारह महीने पहले की रचना से...
प्रेमचन्द के नाम शहरी बाबू की पाती....प्रतीक्षा रंजंन
अब बड़े घर की बेटी की बात ही कुछ और है। बाप से फोन घुमवाया।
दूबे बाहर। अब तो बड़ा बाबू बन गया है,
पे कमीशन के एरियर से सुना है, बड़ा बंगला बनवा लिया।
सारांश ये है, जो मिले उसी में खुश रहो। मेरे बाबू जी कहते हैं, ज्यादा फुर-फाँय मत करो। हम भी पिछले मैरेज-एनिवर्सरी में
चिमटा गिफ्ट कर आए। मुँह फुलाए बैठे हैं।
अंतर्मन के भावों से...अक्षय-मन
समय की रेत मुठ्ठी से निकले
जीवन तुम बढ़ जाने दो
दुःख के पल-चिह्न जो ठहरे है
अश्रुओं संग बह जाने दो ।
सिफ़र से ज़ियादा ....शांतनु सान्याल
इस मोड़ से आगे है सिर्फ़ अंतहीन ख़ामोशी,
और दूर तक बिखरे हुए सूखे पत्तों के
ढेर, फिर भी कहीं न कहीं तू
आज भी है शामिल इस
तन्हाइयों के सफ़र
उड़ान............ इन्द्रा
हमें ही जीने दो
मत थोपो अपने सपने
हमें ही बुनने दो
अच्छे और बुरे का
बस फर्क तुम बता दो
मुस्कान लीले नाग...रामकिशोर दाहिया
उठ रहे दंगे-धुंए हैं
नून-रोटी साग पर
हो गया
चलना जरूरी
आग फैली आग पर
अभी-अभी...
दे रही दस्तक ये मायूसी... दीपक सक्सेना
न जाने किस बहाने दे रही दस्तक ये मायूसी
कभी नाकामी का अहसास कभी है आस टूटी सी
कोसें मुकद्दर बार बार कैसे ये मुमकिन है
पर बदनसीबी फिर उत्तर आयी ये क्या दिन है
एक साल पहले...
हाइकुदिवस विशेष... ऋता शेखर ''मधु''
निखर गई
हाइकु की सुरभि
बिखर गई|
.....
सत्रह वर्ण
हृदय की परतें
खोलता गया|
इज़ाज़त दें
फिर मिलेंगे
दिग्विजय
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंबढिया हलचल
प्रस्तुति धन्यवाद
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंहमें ही जीने दो
मत थोपो अपने सपने
हमें ही बुनने दो
अच्छे और बुरे का
बस फर्क तुम बता दो
एक अच्छी कविता
अच्छा चयन
सादर
बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल । आभारी है 'उलूक' सूत्र 'समझ में आता है कभी शुतुरमुर्ग क्यों रेत में गरदन घुसाता है' को शीर्षक रचना का स्थान देने के लिये और गुजारिश है देखने पढ़ने वालों से देख समझ पढ़ कर प्रतिक्रिया करने के लिये। केवल अंधेरे में बुझी हुई मोमबत्ती को देखते ही आग आग का शोर करने की आदत बदल डालें ।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंमुझे इस पृष्ठ पर पढ़ी गई सभी रचनाएं बहुत अच्छी लगी मैं भी इस पेज का सदस्य बनना चाहता हूं। व इस पर अपनी रचनाएं भी लिखना चाहता हूँ
--- राजेश बैनिवाल खचवाना 9812159281