मन आज तनिक खिन्न है
पता नहीं क्यों..
और जानना भी नहींं चाहती..
अगर पता चल गया तो
तनिक से अधिक खिन्न हो जाएगा ये मन
चलिए चलते हैं....देखिए मेरी पसंद...
चिंता खा नहीं रही काट रही है... अनामिका सिंह
वैसे चार्ली चैपलिन कब के कह गए हैं कि जिंदगी क्लोज-अप में ट्रेजडी है..इसलिए आप इसे लांग शॉट में देखिए। कल को आप कमाने लगेंगे तब भी मां-बाप की चिंता उतनी ही रहेगी कि आपकी तनख्वाह फलाने के लड़के से कम है...फलाने का लड़का अपनी मां के लिए हर हफ्ते साड़ी खरीदकर देता है जबकि आप सिर्फ होली-दीवाली। आप अभी से गंजे हो रहे हैं..फलाने का लड़का तो तीस की उम्र में भी बीस जैसा दिख रहा है।
नहीं खत्म होने वाली हैं ये परेशानियां।
उसने फ़रमाया है...... डॉ. जेन्नी शबनम
ज़िल्लत का ज़हर कुछ यूँ वक़्त ने पिलाया है
जिस्म की सरहदों में ज़िन्दगी दफ़नाया है !
सेज पर बिछी कभी भी जब लाल सुर्ख कलियाँ
सुहागरात की चाहत में मन भरमाया है !
कवि बेचारा... आशा सक्सेना
लिखने के लिए
अब रहा क्या शेष
सभी कब्जा जमाए बैठे हैं
रहा ना कुछ बाक़ी है
हम तो यूँ ही दखल देते हैं
एक साल पहले....
वर्षा ऋतु में स्वस्थ रहने के जरुरी सबक.. कविता रावत
वर्षा ऋतु को ‘चौमासा‘ कहा जाता है। आयुर्वेदज्ञों ने इस ऋतु में स्वास्थ्य रक्षा के लिए 'ऋतुचर्या' के कुछ नियम बनाये हैं। उनका पालन करने पर इस ऋतु में स्वस्थ रहा जा सकता है। वर्षा ऋतु में वात दोष कुपित होता है, अतः बुजुर्गों और वातजन्य रोगों के मरीजों को विशेष रूप से वातवर्धक खानपान और रहन-सहन से बचना चाहिए।
आज की शीर्षक रचना
हिरोशिमा की पीड़ा..... अटल बिहारी वाजपेयी
मैं सोचने लगता हूँ कि
जिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों का
आविष्कार किया था
वे हिरोशिमा-नागासाकी के भीषण
नरसंहार के समाचार सुनकर
रात को कैसे सोए होंगे?
इति
अब दें इज़ाज़त
यशोदा को..
शुभप्रभात
जवाब देंहटाएंसस्नेहाशीष छोटी बहना
उम्दा प्रस्तुतिकरण
सुप्रभात दीदी
जवाब देंहटाएंखुबसूरत प्रस्तुति
सादर
सुन्दर प्रस्तुति । मन खिन्न ना करें प्रसन्नचित्त रहें ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंशुभ दोपहर...
जवाब देंहटाएंयहां तो आनंद ही आनंद है...
सुंदर प्रस्तुति...
बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति में मेरी विगत वर्ष की ब्लॉगपोस्ट "वर्षा ऋतु में स्वस्थ रहने के जरुरी सबक" शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंsundar prastuti ..abhar shamil karne ke liye ...
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