दो दिन के बाद
उत्सवों का सिलसिला जारी हो जाएगा
तीजोत्सव फिर गणेशोत्सव के दस दिन
तदोपरान्त पितृोत्सव
चलिए..उत्सव तो आते-जाते रहेंगे
हम भी साथ-साथ ही चलें इनके........
तो अपनेआप पर काबू रखें!.....ज्योति देहलीवाल
बेटी की बात एक पल को तो ख़राब लगी, पर मुझे अपनी ग़लती का एहसास भी हुआ। सच में, कभी-कभी बच्चे भी अनजाने में हमें बहुत बड़ी सीख दे देते है। तब से मैने यह मंत्र अपना लिया है कि यदि किसी बात को सम्भालना या ठीक करना हमारे बस में नहीं है, तो कम से कम हमें ख़ुद पर काबू रखना चाहिए,
ताकि स्थिती न बिगड़े।
आज खामोश है सब कुछ जहाँ मे......अनुपम चौबे
आज खामोश है सबकुछ जहान में ,
एक भँवर सा उठ रहा है मेरे ईमान में
कभी तोहफे में मिली थी आजादी हमें ,
क्या भूल गए हम खुदगर्जी के तूफ़ान में .
ठीक एक साल पहले
ले लीजिये साहब ...सुशील कुमार जोशी
दिखने दिखाने में
कुछ नहीं रखा है
बहुत काम का है
बहुत काम आयेगा
आगे काम ही
काम दिखेगा
बचा कुछ भी
नहीं रह जायेगा
रख ही लीजिये
हजूर देखा जायेगा ।
आज मैं भी अतिक्रमण कर बैठी
नहीं गर मांगी इज़ाज़त तो
गबज हो जाएगा
(मेरा चीकू गज़ब को गबज ही कहता है)
"पाँच लिंको का आनन्द" मंच में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार .
जवाब देंहटाएंसुन्दर हलचल । आभार 'उलूक' के कुछ भी को जगह दी आपने यशोदा जी ।
जवाब देंहटाएंयशोदा जी, मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंyashoda behen "पाँच लिंको का आनन्द" मंच में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर नयी-पुरानी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजखीरा को यहाँ स्थान देने हेतु आभार |
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