आनंद के इस सफर में...
मैं कुलदीप ठाकुर...
पुनः उपस्थित हूं....
“घुटन क्या चीज़ है, ये पूछिये उस बच्चे से,
जो काम करता है, खिलौने की दुकान पर….!!!
सबसे पहले....
प्राणनाथ ! यह बात जान लें, जो-जो दोष बताये वन के
गुण रूप वे हो जायेंगे, स्नेह आपका पाकर सारे
रघुनन्दन ! मृग, सिंह आदि, वन प्राणी भाग जायेंगे
देख आपका रूप अनोखा, होकर फिर भयभीत आपसे
निश्चय ही मुझे जाना वन, गुरूजनों की ले आज्ञा
प्राण शेष ये नहीं रहेंगे, हुआ यदि वियोग आपका
देवराज भी साथ आपके, नहीं अनादर कर सकते हैं
पतिव्रता सह सके वियोग न, यही आप भी कहते हैं
यद्यपि वन में दोष व दुःख हैं, किन्तु यह नियति है मेरी
पिता के घर यह बात सुन चुकी, सत्य विधि यह होके रहेगी
मम्मी नहीं जाना स्कूल--महेश कुशवंश
टीचर जी बस डांट पिलातीं
सर जी छूते इधर उधर
वाशरूम भी साफ नहीं है
जाऊ तो मैं जाऊ किधर
आया दिनभर मुह बिचकाती
भैया गाते गाना
बच्चे चोटी खीच डालते
चट कर जाते खाना
मैं तो घर मे ही पढ़ लूँगी
तुम ही मुझे पढ़ाओ
गंदे संदे स्कूलों से
छुट्टी मुझे दिलाओ
सिर्फ गाल बजाएँगे
देश द्रोह की परिभाषाएँ बदल गई
बोलने की आज़ादी
मूलभूत अधिकार ही रह गए याद
देश खो गया
सत्ता की कुर्सी रह गई आँखों के सामने
देश कहाँ गया
भाई इन्हें सत्ता मे रहने दो
नही तो वो दिन दूर नहीं जब ये
सब कुछ भूल जाएंगे
वोटों के लिए ईमान ही नहीं बेचेंगे
माँ भी पड़ोसियों को दे आएंगे
देश के बैरियों का करूँगा कतल |--उमाशंकर मिश्रा
उनकी महफ़िल में कैसी तकरीर थी
कट गई गरदने लापता कौन है?
दंगे भड़के नहीं यूँ लगाये गए|
तल्ख़ किसने कहे सरफिरा कौन है?
सोच की हद--सु-मन (Suman Kapoor)
चल दूँ राह पर उस तरफ
जिस तरफ ले जाना चाहे कोई
दिल दिमाग के हर दरवाजे पर
लगा दूँ एक जंग लगा ताला
मन के वांछित कारावास से
कर दूँ निर्वासित अपना वजूद
ग़ज़ल--Naveen Mani Tripathi
हो रही डुग्गी मुनादी इश्क की ।
तूम उसे बस मेहरबाँ कहते रहो ।।
मत लगा तू तोहमतें नाजुक है वो ।
राह पर बन बेजुबाँ चलते रहो ।।
गए दिन की तस्वीर.....--रश्मि शर्मा
स्लाइड शो की तरह
गुजरती है आंखों से
गए दिन की तस्वीर सारी
झील का पानी अब तक ठहरा है....
मुसाफ़िर--नीलांश
मुझे मालूम है फिर आसमाँ का रंग क्या होगा
परिंदा हूँ,भरोषा पँख पर खुद के, अगर कर लूँ
कल, सूरज !, न जाने कौन सी ,धूप लाये "नील"
मुसाफ़िर हूँ ,हर रास्ते को हमसफ़र कर कर लूँ
काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये;
हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जायें;
यह जिंदगी तो सब काट लेते हैं;
जिंदगी ऐसे जियो कि मिसाल बन जाये!
धन्यवाद।
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंदुखती रग
“घुटन क्या चीज़ है, ये पूछिये उस बच्चे से,
जो काम करता है, खिलौने की दुकान पर….!!!
सादर
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंमनभावन प्रस्तुति
पठनीय और खूबसूरत लिंक्स..आभार !
जवाब देंहटाएंआपकी पसंद की दाद देना होगी |
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!