कभी-कहीं दिख जाती हैं एक साथ हजारों गौरैया तो वाकई बहुत अच्छा लगता है। कुछ साल पहले मैंने ये तस्वीर ली थी जो मुझे बेहद पसंद है। एक ढलती शाम में गौरैयों के बसेरे से आती चहचहाहट ने मेरे पांव थाम लिए थे। बहुत देर मैं इन्हें देखती रही।
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं। 2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें। ३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें . 4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो। प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
Aap sabhi ko holi ki bahut bahut badhai. Meri rachna ko sthan dene ke liye dil se aabahar aur dhnyawad.
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स चयन । आभार ।
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात...
जवाब देंहटाएंसुंदर चयन...
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
सुन्दर सूत्र संयोजन ।
जवाब देंहटाएं