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रविवार, 27 मार्च 2016

254 .....मिलते रहे तो प्यार भी हो जाएगा कभी

सभी साथियों को मेरा नमस्कार कुछ दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ ज़िंदगी की भागमभाग से कुछ समय बचाकर आज आप सभी के समक्ष उपस्थित हूँ  पाँच लिंकों का आनन्द ब्लॉग में आप सभी का हार्दिक स्वागत है !!
रविवार का दिन है तो अब पेश है.............मेरी पसंद के कुछ लिंक :))

कहती है मोम यूँ ही पिघलना फ़िज़ूल है
महलों में इस चिराग का जलना फ़िज़ूल है!
खुशबू नहीं तो रंग अदाएं ही ख़ास हों
कुछ भी नहीं तो फूल का खिलना फ़िज़ूल है !1

स्वप्न मेरे ब्लॉग पर ....................... दिगंबर नासवा :)

अपशब्दों का प्रहार
इतना गहरा होता
घाव प्रगाढ़ कर जाता
घावों से रिसाव जब होता
अपशब्द कर्णभेदी हो जाते
मन मस्तिष्क पर
बादल से मडराते
आकांक्षा ब्लॉग पर ........................आशा सक्सेना :)

सवाल ये नहीं कि
क्यों मंज़ूर कर लेती है
वो घुट घुट के जीना
फिर भी बंधे रहना
उसी बंधन से ताउम्र
जिससे बुझ रही है
आहिस्ता आहिस्ता
चाँद की सहेली ब्लॉग पर .............VenuS "ज़ोया"

मन की बात
कौन कह पाता है
वही जिसने मन को गहरे तक पहचाना हो
क्योंकि मन बड़ा चंचल होता है
और मन की बात कहते कहते  भूल जाता है
अनुभूतियों का आकाश ब्लॉग पर .............कुशवंश

हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में एक नए ब्लॉग आँख भर आई और लेखक वी राज वर्मा का स्वागत है !
और पेश उनकी पहली रचना
मेरी फरियादों मे तेरी यादों मे,
अक्स तेरा जो दिखा तो आंख भर आई।
दिल की तन्हाई मे तेरी रूसवाई मे,
अक्स तेरा जो दिखा तो आंख भर आई।
आँख भर आई ब्लॉग पर .................. वी राज वर्मा :)


इसी के साथ ही मुझे इजाजत दीजिए अलविदा शुभकामनाएं फिर मिलेंगे अगले हफ्ते इसी दिन 

-- संजय भास्कर

6 टिप्‍पणियां:

  1. वाह शानदार लिंक्स संयोजन |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |

    जवाब देंहटाएं
  2. मिलते रहे तो प्यार भी हो जाएगा...
    ये सत्य है...
    सत्य आप भी जान गये भाई संजय जी...
    पर क्या करें...
    आप कहीं दूर चले जाते हैं...
    पांच लिंकों का आनंद से....
    आभार आप का....

    जवाब देंहटाएं
  3. शानदार लिंक्स संयोजन |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं

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